वरोरा (चंद्रपुर)। अपना सर्वस्व स्वच्छता के लिए समर्पित करने वाले महाराष्ट्र के स्वच्छता दूत संत गाडगे महाराज मंदिर गंदगी से घिर गया है. जिस नगर परिषद ने इसी संत के नाम का स्वच्छता पुरस्कार दो बार पाया उसी के मंदिर की उपेक्षा एवं स्वच्छता के प्रति उदासीनता पूर्ण रवैया क्यों अपनाया जा रहा है, इसके प्रति अभी भी रहस्य बरक़रार है. देश के प्रधानमंत्री ने स्वच्छता के लिए किये आवाहन से सभी देशवासीयों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता निर्माण हुई है लेकिन इस स्वच्छता के कार्य की शुरुवात कई दशको पहले महाराष्ट्र में संत गाडगे महाराज ने की थी. घर संसार सब कुछ त्याग कर झाड़ू एवं कटोरा लेकर बस्तिया एवं मंदिर परिसर साफ करते हुए लोगों को स्वच्छता एवं स्वास्थ के प्रति चेतना का निर्माण करना केवल यही जीवन लक्ष्य मानकर संत गाडगे महाराज ने अपना पूरा जीवन लक्ष्य मानकर अपना पूरा जीवन समर्पित किया.
वरोरा नगरपरिषद की नींद अभीतक खुली नहीं है. वरोरा के विभाग क्षेत्र में गंदगी के अलग-अलग प्रकार देखने मिलते है. कुछ महीनों पूर्व नगर परिषद के पिछवाड़े क्षेत्र में गंदा पानी भरा रहता था अब कुछ उसमे सुधार दिख तो रहा है लेकिन बाकी जगह ये स्थिति कायम है. पानी की निकासी ना होने कारण सुवरों का बड़ी मात्रा में अस्तित्व तथा सार्वजनिक जगहों पर अतिक्रमण करते हुए गंदगी फ़ैलाने वाले व्यवसाय के कारन गंदगी, प्रदुषण एवं मानवी स्वास्थ को खतरा पैदा हो रहा है. स्थानीय जगह पर खुले में भंगार और मांस बिक्री हो रही जिसमे कोई प्रतिबंध नहीं है. इसी परिसर में भंगार व्यवसायी प्लास्टिक जलाकर प्रदुषण तो फैला रहे है. लेकिन इस आग में कई सुअर भूनते हुए दिखाई देते है. भंगार में कई प्रकार के प्लास्टिक में हानिकारक तत्व होते है उन्हें खुले में जलने के कारण यहाँ के रास्ते से गुजरने वाले लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
इस परिसर में मांस बेचने वालों के लिए कॉम्पलेक्स का निर्माण करने के बाउजूद ये लोग खुले में बेचते है जिस के कारण आवारा कुत्तों का आतंग फैला है. मांस के अवशेष सड़ने के बाद बदबू, गंदगी के कारण आम नागरिक विशेष रूप से महिलाओं को बहुत परेशानी हो रही है. अभी तक वरोरा नगर परिषद को दो बार मिला स्वच्छता पुरस्कार यह किस आधार पर मिला यह विषय खड़ा हो सकता है.
संत गाडगे महाराज का मंदिर इसी परिसर में है उसकी उचित रूप से स्वच्छता की जाय तो यह परिसर लोगों के स्वास्थ के लिए वरदान साबित हो सकता है. वरोरा के गाडगे बाबा स्वयंसेवक संस्था के अध्यक्ष गणेश घोडस्कर ने नगर परिषद के इस उदासीन रवैये पर नाराजगी जताई है. उन्होंने स्वयसेवकों द्वारा यह साफ करते हुए मंदिर को गंदगी से मुक्त करने का निश्चय किया है. बता दे मंदिर की विद्युत व्यवस्था बाधित हुयी है. इस बारे में गणेश घोड़सवार ने बिजली का बिल ना भरने के कारण बिजली की आपुर्ति बंद किये जाने की आकांशा जताई है.