Published On : Mon, Aug 22nd, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

केंद्रीय नेतृत्व के फैसले पर गडकरी समर्थकों हुए सतर्क

– वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को महत्वपूर्ण समितियों से बाहर किए जाने से उनके स्थानीय समर्थकों में हड़कंप मच गया है।

नागपुर – वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पार्टी की दोनों महत्वपूर्ण समितियों अर्थात् केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड से बाहर करने से उनके स्थानीय समर्थकों को झटका लगा। लेकिन उन्होंने नाराजगी जताते हुए सतर्क रुख अख्तियार कर लिया है. यहां उल्लेखनीय है कि चुनाव समिति में गडकरी की जगह महाराष्ट्र से देवेंद्र फडणवीस को शामिल किया गया था.

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पार्टी के इस फैसले से यह संदेश गया कि केंद्र में गडकरी की अहमियत कम हो गई है. इससे स्थानीय गडकरी समर्थक नाराज हैं। लेकिन भाजपा सस्कृति के मुताबिक इस पर किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गिरीश व्यास ने कहा कि ऐसा लगता है कि सभी ने सतर्क रुख अपना लिया है,संभव हो कि गडकरी के बढे कामकाज के वजह से उन्होंने खुद ही पद से इस्तीफा देने की पेशकश केंद्रीय नेतृत्व से की हो। वे कई वर्षों तक इस समिति में रहे। नए पदाधिकारियों को अवसर देना पार्टी की नीति है। इसी के तहत देवेंद्र फडणवीस को चुनाव समिति में मौका दिया गया है.

विधायक कृष्णा खोपड़े ने कहा, संसदीय समिति के संबंध में निर्णय केंद्रीय स्तर पर लिया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह फैसला सोच-समझकर लिया होगा। विधायक मोहन माते ने कहा, नितिन गडकरी को देश उनके किए गए विकास कार्यों के कारण जाना जाता है। संसदीय बोर्ड में उनका शामिल होना जरूरी था। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व का निर्णय अंतिम होता है।

विधायक विकास कुंभारे ने कहा, यह राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला है जिन्हें संसदीय बोर्ड या केंद्रीय चुनाव समिति में शामिल किया जाना चाहिए. इसे सभी को स्वीकार करना होगा। पूर्व विधायक सुधीर पारवे ने कहा, हो सकता है कि गडकरी साहब को शामिल नहीं किया गया हो क्योंकि पार्टी की नीति नए लोगों को अवसर देना है.

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