घटना होने पर बताते हैं कम मानव संसाधन का कारण
नागपुर: एक तरफ मनोरोगी द्वारा अपना गला दबाकर आत्महत्या किए जाने के मामले में कम मानव संसाधन का कारण बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ अस्पताल में कर्मचारियों के जुआ खेलने का मामला उजागर हुआ है. सरकारी उदासीनता के ‘मेंटल ब्लॉक’ के कारण मनोरुग्णालय की यह स्थिति हो गई है.
मनोरोगियों पर उचित औषधोपचार कर, उन्हें सामान्य लोगों की तरह जीवन जीने योग्य बनाने के लिए अंग्रेजों ने महाराष्ट्र में चार मनोरुग्णालयों की स्थापना की. इनमें से एक नागपुर में है. लेकिन यहां कार्यरत कर्मचारी अपने कार्य को लेकर गंभीर नहीं हैं. यही वजह है कि अस्पताल में पिछले 20 दिनों में लगभग 7 मृत्यु हो गई है.
इनमें से 2 मौतें संदिग्ध स्थिति में हुई हैं. मरीजों के मृत्यु की उच्चस्तरीय जांच चल रही है. अस्पताल प्रशासन इसके पीछे अटेंडेंट के लगभग 54 पद रिक्त होने का कारण बता रहा है. लेकिन वास्तव में अस्पताल के कर्मचारी मरीजों को लावारिस छोड़कर जुआ खेलने में व्यस्त रहते हैं, जिससे यहां के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है.
ये घटनाएं 16 नवंबर बनीं हैं 38 वर्षीय मनोटोगी ने अपना गाउन फाड़कर, चिंता उससे गला दबाकर विषय आत्महत्या कर ली. जुआ खेलते हुए मनोरुग्णालय के रक्षक एवं अटेंडेंट.
2016 में उजागर हुआ था ऐसा ही मामला
वर्ष 2016 में मनोरुग्णालय में जुआ खेले जाने की खबर फोटो सहित प्रकाशित की थी. इसकी दखल लेते हुए दो डॉक्टरों सहित परिचारक को नोटिस दी गई थी, जबकि ठेका पद्धति वाले कर्मचारियों को काम से हटा दिया गया था. लेकिन अब फिर से वही मामला शुरू हो गया है. अब किस पर कार्रवाई होगी, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं.
17 नवंबर
42 वर्षीय महिला के साथ मारपीट होने से मेडिकल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई.
21 नवंबर
85 वर्षीय मरीज को बेडसोर होने टी उसकी मृत्यु हो गई.
मरीजों के भोजन के शेड के नीचे लगती है महफिल
एक वीडियो में मनोरुग्णालय के वार्ड-15 के बाजू में स्थित मरीजों के भोजन शेड के नीचे सुरक्षा रक्षकों सहित अटेंडेंट के बीच जुआ चलता दिख रहा है. जानकारी के अनुसार दोपहर 2 बजे से जुआ शुरू होता है. यह जुआ 7 बजे तक चलता है. इस रोड के बाजू में वार्ड नंबर 16 जबकि कुछ अंतर पर 11 से 14 नंबर वार्ड हैं. पास में ही अपराधियों वाला वार्ड नंबर 12 है. इसलिए इस भाग में जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर डॉक्टर व परिचारिकों की आवाजाही जारी रहती है. लेकिन इन जुआरियों को कोई कुछ नहीं कहता है.