Published On : Tue, Jul 5th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

लोककर्म विभाग(PWD) में सक्रीय हैं फर्जी कार्यादेश तैयार करने वाली गैंग

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– वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक वित्त विभाग ने किये करोड़ों में भुगतान,आजतक ऑडिट नहीं हुई

नागपुर – मनपा में शहर विकास के लिए कई मद है जिसमें सबसे ज्यादा चर्चे में मुख्यालय मरम्मत मद है.जो हमेशा विवादों में रहा,जहाँ कई दशक से एक ही ठेकेदार का बोलबाला रहा,जो कई फर्म बनाकर मनपा को बिना काम किये चुना लगाता रहा.पिछले 3 सालों में इस ठेकेदार की तीनों फर्म ने लगभग 2 करोड़ के भुगतान वित्त विभाग से प्राप्त किये।सम्बंधित ऑडिट विभाग ने आजतक उक्त फर्म का ऑडिट रिपोर्ट तक तैयार नहीं किया।

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मनपा में स्टेशनरी,सीमेंट सड़क घोटाले के बाद बोगस बिल तैयार कर भुगतान करवाने का तीसरा सबसे बड़ा घोटाला इनदिनों PWD,AUDIT व वित्त विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ हैं.जिसे मनपा प्रशासन नज़रअंदाज कर उक्त धांधली में लिप्त ठेकेदार फर्म व सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को बढ़ावा दे रहे हैं.जल्द ही इस मामले को लेकर एक संगठन लोकायुक्त व न्यायालय की शरण में जाने वाली हैं,जिससे होने वाली नुकसान के जिम्मेदार मनपा प्रशासक की होगी।

याद रहे कि मनपा के PWD विभाग अंतर्गत HEAD QUARTER MAINTENANCE HEAD भी कई दशक से हैं.प्रत्येक वर्ष के आर्थिक बजट में अन्य मद (HEAD) के अलावा इस मद (HEAD QUARTER MAINTENANCE HEAD) में भी करोड़ों रूपए का प्रावधान किया जाता रहा.यह मद(HEAD) अधिकतर मनपा को चुना लगाने के लिए तैयार किया जाता रहा और बिना काम के बोगस बिल निकाले जाते रहे.इस मद से आयुक्त,आयुक्त के परिजन,आयुक्त के बंगले,मनपा मुख्यालय,मुख्यालय के बड़े अधिकारी व आला पदाधिकारी को खुश रहने का काम किया जाता रहा.

उक्त अधिकारी या पदाधिकारी के मुँह-मांगी जरूरतें,व्यवस्था सह आयुक्त के बंगले की जरूरतें इसी मद से किसी अन्य नाम से प्रस्ताव तैयार कर उसके एवज में पूरी की जाती थी.जिसकी जानकारी सम्बंधित आला अधिकारी/विभाग प्रमुख को होती ही थी.

इस मद का पिछले 2 दशक से भी ज्यादा समय तक एक ही ठेकेदार का दबदबा रहा.इसलिए पिछले 2 दशक में वर्ष 2021 तक सालाना देखरेख कार्यों के लिए टेंडर निकाले जाने के बजाय बोगस कोटेशन से ही काम चलाया जाता रहा.उक्त ठेकेदार ने मोनोपोली के तहत 3 फर्म (AM BIND,MR BIND,SP SURYAWANSHI ) तैयार कर सम्बंधित काम का कोटेशन समय-समय पर तीनों के नाम पर नियमित निकालता रहा.ताकि कोई आक्षेप न लेने पाए.इस दौरान बोगस प्रस्ताव भी तैयार कर,बोगस कार्यादेश के सहारे बोगस बिल भी वर्ष 2017 से वर्ष 2020 के दरम्यान करोड़ों में निकाले गए.

उक्त धांधली में ठेकेदार को PWD विभाग के सम्बंधित कर्मी सह विभाग प्रमुख,वित्त विभाग के सम्बंधित कर्मी सह विभाग प्रमुख सहित मनपा ऑडिट विभाग के बुलबुल पूर्ण सहयोग करते रहे,जिसके एवज में उनकी भी मुरादे ठेकेदार द्वारा पूरी की जाती रही. वर्ष 2017 से वर्ष 2020 के दौरान कोटेशन की फाइल तैयार की गई,जो काम हुए ही नहीं,फिर उसका कार्यादेश निकाला गया और बाद में वित्त विभाग ने भुगतान भी कर दिए.इन भुगतानों का आजतक ऑडिट विभाग के बुलबुल ने ऑडिट नहीं किया। उक्त मामलात की जानकारी वित्त विभाग व PWD विभाग प्रमुख को दी गई,लेकिन दोनों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगा।

जल्द ही एक शिष्टमंडल उक्त प्रकरण को लेकर आयुक्त से मुलाकात करेंगे,गर आयुक्त/प्रशासक ने इसे गंभीरता से नहीं लिया तो उक्त शिष्टमंडल प्रथम लोकायुक्त फिर न्यायालय की शरण में जाएगा,जिससे होने वाली नुकसान के जिम्मेदार मनपा प्रशासक/आयुक्त की होगी।
शिष्टमंडल की मांग है कि उक्त प्रकरण की सूक्षम जाँच कर दोषी अधिकारियों/कर्मियों पर कानूनन कार्रवाई और ठेकेदार से भुगतान की रकम वसूलकर तीनों फर्म को काली सूची में डाला जाए.

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