नागपुर: अंडरवर्ल्ड से जुड़ा कुख्यात डॉन विदर्भ का चर्चित गैंगस्टर संतोष आंबेकर ने आज अपने पुराने मित्र नवनियुक्त आमदार परिणय फुके की जीत पर शक्ति प्रदर्शन किया। भंडारा में जीत की बधाई देने वो अपने 200 गुर्गो के साथ पहुँचा। डॉन के महँगी गाड़ियों से फ़िल्मी स्टाइल में अपने सामने उतरते देख लोग कुछ समझ पाते, तो उनके सामने भारी -भरकम बॉडी बिल्डर खड़े हो गए। दरअसल अपने पुराने और ख़ास मित्र आमदार परिणय फुके सबसे पहले कुख्यात गैंगस्टर के गले लगे फिर गैंगस्टर ने परिणय फुके को हार पहनाकर उसके जीत का स्वागत कर बधाई दी। डॉन ने लाखो रुपयो के फटाके फोड़े , परिणय फुके की जीत से ज्यादा गैंगस्टर संतोष आंबेकर की चर्चा का भंडारा में बोल बाला रहा। बंदोबस्त में लगे पुलिस कर्मचारी भी गैंगस्टर से हाँथ मिलाने में लग गए।
सूत्रों के अनुसार इस गैंगस्टर को राजनीति का भूत सवार है। इसके पहले भी उसने इलेक्शन लड़ने की इच्छा जताई थी। लेकिन नागपुर पुलिस ने उसे मकोका के तहत जेल में डाल दिया था। इस गैंगस्टर की राजनीति में काफी मजबूत पकड़ बताई जाती है। बड़े बड़े मंत्री का हाथ इसके सर पर हमेशा परदे के पीछे से रहता है। इसने अपने जीवन में अरबो रुपये कमाया है। इतवारी में करोडो का आलीशन महल बनाया है। कुछ दिन पूर्व मराठा मोर्चा की बैठक में इसने भाषण देकर सबको अचंभित कर देने की भी चर्चा जोरो शोरो में थी। फिलहाल नागपुर के आगामी नगरसेवक के चुनाव में किसी लीडिंग पार्टी के टिकट का दावेदार भी बताया जा रहा है। अंडरवर्ड डॉन अरुण गवली तथा छोटा राजन के लिए भी इसने काम किया है। बुरे समय पर नवनिर्वाचित विधायक परिणय फुके ने इस गैंगस्टर को जेल से बाहर निकालने के लिए एड़ीचोटी का जोर हमेशा लगाया है। इस गैंगस्टर से फुके के पारिवारिक, मधुर संबंध बताये जा रहे है।
भंडारा के फुके की जीत में गैंगस्टर संतोष आंबेकर ने खुले तौर पर दिल से परिणय फुके को मदद कर करते हुए उपकार का कर्ज भी उतार दिया। गौरतलब है की गैंगस्टर और नेता के संबंध और जग जाहिर होने से सुर्खिया हो रही है। इसके पहले भी नागपुर के कुछ विधायको को खुले तौर पर मदद की जिस पर स्थानीय अखबारों में सुर्खिया रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई । परिणय फुके को गोंदिया – भंडार की सीट जीतना इतना आसान नहीं था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ख़ास माने जाने वाले परिणय फुके को टिकिट मिला। गोंदिया भंडार में पकड़ रखने वाले भाईजी के लड़के प्रफुल अग्रवाल उनके सामने दावेदार थे लेकिन अंडरवर्ड डॉन की पहले दिन से खुले तौर पर मदत मिलने से परिणय फुके की जीत आसान होने की चर्चा इस वक्त शुरू है।
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