वन विभाग की मदद से एक मादा तेंदुआ अपने दो खोए हुए शावकों से सफलता पूर्वक मिल गई
गोंदिया। वन विभाग की मदद से एक मादा तेंदुआ अपने दो खोए हुए शावकों के साथ फिर से मिल गई है।
नवेगांव रेंज की वन टीम ने मार्तंड कापगते के गन्ने के खेत में पाए गए दो तेंदुए के शावकों को उनकी मां से मिलाने का काम सफलतापूर्वक किया है।
यह खेत गोंदिया जिले की अर्जुनी मोरगांव तहसील के सानगड़ी रोड पर नवेगांव से करीब 6 किलोमीटर दूर भिवाखिड़की गांव में स्थित है।
सहायक वन संरक्षक (नवेगांव) दादा राउत ने जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे उन्हें किसी कुंडलिक कांबले नामक व्यक्ति से सूचना मिली कि गन्ने की कटाई के दौरान कापगते के खेत में उन्हें दो तेंदुएं के शावक मिले हैं।
जल्द ही आरआरटी ( रैपिड रिस्पांस टीम) मौके पर पहुंच गई और शावकों को कब्जे में लेकर उनकी देखभाल शुरू की।
पशु चिकित्सकों ने शावकों के स्वास्थ्य की जांच की तो सेहत ठीक पाई गई और उनकी सलाह पर उन्हें दूध पिलाया गया तथा यह सुनिश्चित किया कि पब्लिक शावकों के करीब न आएं लिहाज़ा ट्रैप कैमरे लगाए और शावकों को प्लास्टिक कैरेट में रखा और माद तेंदुआ के लौटने का इंतजार किया।
चिंतित मादा तेंदुआ अपने लापता शावकों की तलाश में शाम करीब 6.30 बजे लौटी और शावकों को सकुशल पाकर उसे राहत मिली जिसपर प्लास्टिक कैरेट से अपने दोनों शावकों को मादा तेंदुआ ने उठाया और जंगल की ओर चली गई।
गौरतलब है कि इसके पूर्व भी वन विभाग अधिकारियों की टीम ने इस वन परिक्षेत्र में घूमने वाले तेंदुए या अन्य जंगली जानवरों के शावकों को मिलाने के लिए इसी तरह के ऑपरेशन सफलतापूर्वक किए हैं ।
इस ताजा अभियान में RFO सचिन कटरे, RRT के मिथुन चौहान, अमोल चौबे, सतीश शेंद्रे, पंकज पाथोड़े ने उप वन संरक्षक कुलराज सिंह के मार्गदर्शन में ऑपरेशन राहत बचाव में हिस्सा लिया।
रवि आर्य