नागपुर. उमरेड पुलिस स्टेशन के पीएसआई बट्टूलाल पांडेय और उनके सहयोगी पर जानलेवा हमला करके फरार हुई गैंग का मुखिया गोधरा अग्निकांड का आरोपी निकला. पुलिस ने इस मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य की तलाश जारी है. इस गैंग के खिलाफ कई मामले दर्ज होने की जानकारी मिली है.
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विजय मगर ने मीडिया को बताया कि यह अंतरराज्यीय गैंग है. इस गैंग का मुखिया गोधरा, गुजरात निवासी उस्मान गनी मोहम्मद इब्राहिम काफीवाला (55) है. वह वर्ष 2002 में गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाने के मामले में भी आरोपी है और 8 वर्ष जेल में रह चुका है. पुलिस ने उस्मान के अलावा इरफान उर्फ जाफरू फारुख बांडी (40) को भी गिरफ्तार किया है.
अब तक 4 राज्यों में मामले दर्ज होने की जानकारी सामने आ चुकी है. विगत 23 जून को आरोपी उमरेड स्थित फ्लिपकार्ट कंपनी के गोदाम में चोरी करके कंटेनर ट्रक क्र. जी.जे.17-0976 पर फरार हो रहे थे. इसी दौरान पीएसआई पांडेय, कांस्टेबल तिलक रामटेके और चवरे ने उनका पीछा शुरू किया. करीब 20 किमी पीछा करने के बाद आरोपियों ने अपना ट्रक खेत में उतार दिया था. वहां ट्रक से पुलिस की गाड़ी उड़ा को दिया. साथ ही पांडेय पर जानलेवा हमला किया.
बदलते रहे फास्टैग
इस घटना के बाद से उमरेड के एसडीपीओ भीमराव टेले और थानेदार प्रमोद घोंगे के नेतृत्व में टीम लगातार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी. पुलिस ने सभी टोल नाकों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जांच की लेकिन आरोपियों ने अपने ट्रक की नंबर प्लेट छिपा दी थी. पुलिस जानती थी कि जिस टोल से भी ट्रक पार होगा वहां फास्टैग से रकम डेबिट हुई होगी. लेकिन सभी पेशेवर अपराधी हैं.
उन्होंने पुलिस से बचने के लिए 7-8 नामों से फास्टैग बनाया हुआ था. हर नाके पर अलग-अलग फास्टैग स्कैन करवाए थे. लेकिन तकनीकी जांच में ट्रक का नंबर पता लग गया और वह ट्रक उस्मान के नाम पर था. उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस गोधरा पहुंची लेकिन वह हाथ नहीं लगा. तब तक अन्य आरोपी उमर उर्फ पंपोई अब्दुल सत्तार जादी, लंगड़ा और पव्या नाईक सहित अन्य की पहचान हो चुकी थी. पुलिस ने गोधरा से इरफान बांडी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उस्मान को बालाघाट के मलाजखंड से गिरफ्तार किया गया.
आंध्र प्रदेश में भी मामला दर्ज
मगर ने बताया कि आरोपी ट्रक में माल लोड करके विभिन्न राज्यों में जाते हैं. वहां माल उतारने के बाद अलग-अलग स्थानों पर चोरी करके माल का कंटेनर वापस गुजरात ले जाते हैं. ऐसे ही आरोपियों ने पहले आंध्र प्रदेश में एक वारदात को अंजाम दिया. इसके बाद उमरेड में चोरी की. इसके बाद मध्य प्रदेश में एक वारदात को अंजाम देकर फरार हुए. पकड़े जाने के डर से आरोपियों ने ट्रक का कंटेनर कटवा दिया था. केवल स्टेयरिंग और ट्रक का ढांचा बचा था. उस पर भी नंबर प्लेट नहीं थी. लेकिन उमरेड पुलिस ने बहुत ही बारीकी से प्रकरण की जांच की और आरोपियों का सुराग ढूंढ निकाला.
गैंग के सभी आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज हैं. जांच दल को 25,000 रुपये का रिवार्ड जारी किया गया है. चर्चा में एडिश्नल एसपी राहुल माकणीकर और उप अधीक्षक संजय पुरंदरे भी उपस्थित थे. इंस्पेक्टर प्रमोद घोंगे, एपीआई शरद भस्मे, पीएसआई दिनेश खोटेले, प्रशांत खोब्रागड़े, कांस्टेबल प्रदीप चवरे, राधेश्याम कांबले, पंकज बट्टे, रवींद्र जाधव, नीतेश राठौड़, प्रकाश गाथे, प्रदीप ठाकरे, तिलकचंद रामटेके और उमेश बांते ने कार्रवाई की.