नगर परिषद ने थमाया नोटिस , 3 माह में खाली करो दुकान
गोंदिया: कहावत है- अति की एक दिन गति अवश्य होती है.. गोंदिया नगर परिषद की सरकारी जमीन पर बैठा कोई किराएदार व्यापारी अगर यह समझने लगे कि, यह जमीन उसकी खुद की जमीन है तथा वह उसका जैसा चाहे, वैसा उपभोग कर सकता है और गोंदिया नगर परिषद में बैठे बाबू, अधिकारी और जनप्रतिनिधि से सांठगांठ कर वह रिपेयरिंग के नाम पर अनुमति हासिल कर टीन शेड डालने के बजाए जिस जगह पर उसकी दुकान है उसे ३ मंजिलों में तब्दील कर सकता है? तो इसे अति कहते है और इस अति की गति अब होने जा रही है।
याने करनी की है ४० से ५० दुकानदारों ने और अब इसका भूगतान भरेगा समूचा बाजार.. क्योंकि अब यह सारा खेल नगर पालिका के उच्च अधिकारियों से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक को समझ में आ गया है, लिहाजा उन्होंने महाराष्ट्र नगर परिषद, नगर पंचायत व औद्योगिक नागरी अधिनियम १९६५ की कलम ९२, सहकलम न.प. मालमत्ता हस्तातंरण नियम ९२ (३) के तहत इन सभी दुकानों की पुनः निलामी के आदेश निकालकर संबंधित दुकानदारों को नोटिस भेज ३ माह में दुकान खाली कर , कब्जा न.प को सौंपने के निर्देश दिए हैं।
नोटिस से मची व्यापारियों में खलबली
नगर परिषद न.प मुख्य अधिकारी द्वारा भेजें गए नोटिस में कहा गया है कि, आपको ३ वर्ष के लिए दुकान किराए से दी गई थी जिसके बाद ६ वर्ष तक भाड़ा नुतनीकरण किया गया अब ९ वर्ष से अधिक की कालावधी हो चुकी है, नियमों के तहत ३ वर्ष के लिए ही भाड़े से दुकान दी जा सकती है लिहाजा नगर परिषद की २४.१२.२०१९ को हुई आमसभा में विषय क्र. १६ अनुसार दुकानों के पुनः निलामी नियमानुसार आवश्यक है इसलिए आपको नोटिस द्वारा सूचित किया जाता है कि, आपके दुकान की मुद्दत खत्म हो चुकी है और यह पत्र निर्गमित होने की दिनांक से ३ माह के अंदर आपको दुकान खाली कर कब्जा नगर परिषद को सौंपना होगा, अन्यथा कानूनी प्रावधानों के तहत आपके विरूद्ध न.प. प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
विशेष उल्लेखनीय है कि, यह नोटिस गोंदिया नगर परिषद बाजार टैक्स विभाग के वे कर्मचारी थमाने और तामील कराने जा रहे हैं जिनकी जिम्मेदारी उन दुकानदारों से प्रतिमाह किराया वसूली रसीद काटने की है ।
सूत्रों से प्राप्त जानकारीनुसार रामनगर बाजार संकुल के ४२ दुकानदारों ने एक किराएदार संघ का गठन करते हस्ताक्षर अभियान के तहत दुकानों की पुनः निलामी के निर्णय को अमान्य करते हुए न.प. मुख्याधिकारी चंदन पाटिल को लिखित जवाब दिया है। मजे की बात यह है कि यह पुनः दुकान नीलामी का नोटिस कांग्रेस , राष्ट्रवादी , भाजपा , शिवसेना से जुड़े उन बड़े नेताओं को भी भेजा गया है जिनके नाम गोंदिया नगर परिषद की दुकानें किराए पर है।
तीन मंजिला दुकान में तलघर , FIR के आदेश
गंज बाजार , लोहा लाइन , कपड़ा लाइन , किराना ओली , चना लाइन, मजदूर चौक ये वे इलाके हैं जहां रिपेयरिंग के नाम पर साधारण परमिशन लेटर हासिल कर उस जमीन पर पक्की दो और तीन मंजिला दुकानें खड़ी कर दी गई है यहां तक के कुछ ने तो जमीन खोदकर बेसमेंट भी तैयार कर लिया है , अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि उन 40- 50 महानुभाव धन्नासेठ दुकानदारों का क्या होगा जिन्होंने भ्रष्ट मार्ग अपनाते हुए बहुमंजिला दुकानें खड़ी कर दी हैं ।
नगर पालिका प्रशासन के मुताबिक उनकी दुकान भी अब उनकी नहीं रहेगी वह भी नीलाम होगी और उनकी जगह अब कोई दूसरा बड़ी बोली लगाकर वहीं दुकान खरीदेगा और उसे स्थान पर भविष्य में बैठ कारोबार करता नजर आएगा ? इस बेसमेंट वाली दुकान के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश मुख्य अधिकारी ने लिखित पत्र जारी कर दे दिए हैं , बाजार टैक्स विभाग के कर्मचारी संबंधित के खिलाफ थाने में शिकायत लेकर पहुंचे बताए जाते हैं।
आज न.प. बजट सत्र की सभा में गूंजा मुद्दा
आज मंगलवार २५ फरवरी को न.प. सभागृह में वार्षिक बजट सत्र की सभा का आयोजन किया गया, जिसमें दुकानों की पुनः निलामी का मुद्दा गूंज उठा।
पार्षद पंकज यादव तथा लोकेश (कल्लू) यादव ने पूछा – नगराध्यक्ष महोदय, आप बाजार क्षेत्र की दुकानों को हटाकर मॉल कल्चर के तर्ज पर नया कॉम्प्लेक्स बना रहे थे, इसके लिए नगर परिषद ने सर्वे और नक्शे पर लाखो रूपये खर्च किए ताकि नया मार्केट बनने से नगर परिषद को आर्थिक मुनाफा हो? उस प्रपोजल का क्या हुआ? उस वक्त अखबारों में खबर पढ़ने के बाद दुकानदारों के मन में यह भावना जगी कि, नया कॉम्प्लेक्स बनेगा और हमें दुकान मिलेगी ? लेकिन न.प. प्रशासन ने नोटिस भेज उलटा ही कर दिया? अब उन्हें यहां से हकालने की बात हो रही है। हर साल मार्केट के किराया टैक्स में वृद्धि की जाती है और दुकानदार हंसी-खुशी दे भी रहे है।
दुरूस्ती के नाम पर परमिशन लेकर जिन 40- 50 लोगों ने नई दुकानें गैरकानूनी तौर पर बनाई है उनकी सजा सभी दुकानदारों को देना कहां तक जायज है ?
न.प. मालमत्ता रिकार्ड अनुसार कुछ दुकानें कच्ची तो कुछ पक्की है, तो कुछ ने ३-४ मंजिलें तान दी है? अगर आप इनकी पुनः निलामी करोगे तो इन दुकानों का रेट क्या रखोंगे? कुल मिलाकर इस विषय को आगामी आमसभा में रखा जाए और पूरे विषय पर विस्तारित चर्चा की जाए फिर इस विषय के बारे में सोचेंगे, क्या करना है? क्या नहीं करना है? इस तरह यादव बंधुओं ने नोटिस भेजे जाने पर अपना विरोध जताया है।
रवि आर्य