Published On : Wed, Apr 13th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया: उड़ान पुल से उजड़ जाएंगे 40 आशियाने , नोटिस जारी

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<em>मिट्टी में मिले सपने, बचे तो सिर्फ आंसू.. जाएं तो जाएं कहां ?

गोंदिया: शहर में छोटे उड़ान पुल के नीचे जिस जमीन पर सार्वजनिक बांधकाम विभाग ब्रिटिश कालीन पुराने जर्जर ओवर ब्रिज को तोड़कर 80 करोड़ की लागत से नए पुल का निर्माण करने जा रहा है वहां पिछले 50 वर्षों से अतिक्रमणकारियों ने मकान के रूप में ठिकाना बना लिया है अवैध रूप से हुए कब्जे को हटाने के लिए गढढाटोली इलाके में कालेखां बीड़ी कारखाने से लेकर पुराने ओवर ब्रिज के नीचे की जगह का उपयोग करने का खाका सार्वजनिक बांधकाम विभाग ने तैयार किया है ।

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सेंशन प्लान के मुताबिक नए पुल के निर्माण को अमलीजामा पहनाना भी शुरू कर दिया गया है बताया जाता है कि पुराना जर्जर पुल ध्वस्त करने के लिए 5 करोड़ रुपए का टेंडर और वर्क आर्डर भी जारी हो चुका है।

इसी सिलसिले में लोक निर्माण विभाग की ओर से गड्ढाटोली के दोनों छोर पर रह रहे 40 मकान मालिकों को सरकारी भूमि एक सप्ताह के भीतर खाली करने का फरमान बाकायदा 23 मार्च 2022 को नोटिस जारी कर करते सुनाया गया है जिसके बाद इन गरीबों ने अपने आशियाने को उजड़ने से बचाने हेतु स्थानीय विधायक से लेकर पालक मंत्री और गोंदिया कलेक्टर मैडम तक के पास दौड़ भाग कर गुहार लगानी शुरू कर दी है।

बस्ती के बाशिंदों का कहना है कि उम्मीद लेकर जा रहे हम लोग अब तक ना उम्मीद बने हुए हैं।

विधायक व कलेक्टर से गुहार , कोई तो हमारा रहबर बने ?
हताशा ओर निराशा से भरे 40 से 45 मकानों में रह रहे तो 200 लोगों की बस्ती का कहना है कि कोई तो हमारा रहबर बने ? मिट्टी में मिले सपने , बचे तो सिर्फ आंसू…? कहां जाएंगे हम इस भीषण गर्मी के दिनों में सिर छिपाने के लिए ? इनका कहना है कि नया उड़ान पुल बने , ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर हमारा कोई विरोध नहीं ?

हमारा बस इतना कहना है कि पिछले 50 वर्ष से यहां पर हमारी तीन पीढ़ियां बीत गई , 1995 से हमारा राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड इसी एड्रेस का है , नगर परिषद को हम नियमित मकान टैक्स अदा करते हैं ।

एक से तीन कमरों के रूप में बने इन कच्चे मकानों के भीतर बिजली कनेक्शन और मीठे पानी के नल भी लगे हैं ,अब सीमेंट शीट की छत से बने इन कच्चे मकानों पर बुलडोजर चलाने से पहले हमारे पुनर्वासन का मसला हल किया जाए, जब तक हमें जमीन नहीं देंगे, हम यहां से नहीं हटेंगे ?

23 अप्रैल से होगा बिजली कनेक्शन कट , बस्ती से बिजली के खंभे हटेंगे!
लोक निर्माण विभाग के उप विभागीय अभियंता द्वारा नोटिस जारी करते कहा गया है कोहमारा – बालाघाट रोड पर (राज्य महामार्ग क्रमांक 275 ) मुंबई -हावड़ा मैन रेलवे लाइन के नीचे दोनों बाजू 12 मीटर जगह से अतिक्रमण हटाए जाएगा, लिहाजा 8 दिनों के भीतर जमीन खाली कर दें अन्यथा अतिक्रमण हटाने पर होने वाला खर्च , बस्ती के बाशिंदों से वसूला जाएगा।

जिस पर बस्ती के लोगों का कहना है कि नगर परिषद मालकियत की गड्ढाटोली इलाके में ही जनक नगर से सटी खेल ग्राउंड हेतु आरक्षित जमीन रखी गई है, क्रीड़ा संकुल और इंदिरा गांधी स्टेडियम शहर में खेलकूद के लिए मौजूद हैं हमें इसी ग्राउंड की जगह पर से आधा एकड़ जमीन दे दी जाए तो हम 300 से 500 फीट के मकान बनाकर रह लेंगे।

बस्ती के लोगों का आरोप है कि सार्वजनिक बांधकाम विभाग हमारे आशियाने उजाड़ने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है , बिजली दफ्तर के लोगों ने आकर कहा है 23 अप्रैल से बस्ती से विद्युत खंभे हटेंगे तथा कनेक्शन कट होंगे , ऐसे में गर्मी के दिनों में हम बिना बिजली ओर पानी कैसे रहेंगे ?

बस्ती के लोगों ने बताया यहां रहने वाले सभी छोटा-मोटा कारोबार करते हैं महिलाएं घरों में कपड़े धोने , झाड़ू पोछा करने का काम करने जाती हैं तथा कोई कबाड़ी चुनता है तो कोई ट्रेन में ककड़ी चना बेच फेरी करता है तो कोई छोटा-मोटा व्यापार ,हमारी माली हालत ठीक नहीं इसलिए हम पर दया की जाय।

शहर का डेवलपमेंट होना चाहिए लेकिन पुनर्वास का मसला भी हल करना चाहिए – लोकेश यादव
न्याय के लिए यहां वहां दर-दर भटक रहे गड्ढाटोली बस्ती के गरीब लोगों के अनुरोध पर शिवसेना शहर प्रमुख तथा पूर्व नगरसेवक लोकेश (कल्लू ) यादव ने मंगलवार 12 अप्रैल को इलाके का दौरा करते अवलोकन किया तथा बस्ती के लोगों की गुहार सुनी।

नागपुर टुडे से बात करते लोकेश यादव ने कहा- शहर का डेवलपमेंट होना चाहिए पुराना जर्जर पुल तोड़कर नया पुल बनना चाहिए ? लेकिन यहां रह रहे लोगों के पुनर्वास का मसला भी शासन ने हल करना चाहिए।

यह लोग नगर परिषद का नियमित टैक्स भरते हैं, नगरपालिका स्कीम के तहत इनके घरों में शौचालय बने हैं , गड्ढा टोली इलाके में नगर पालिका मालकियत की 2 से 3 जमीनें हैं इनमें से आधा एकड़ जमीन अगर इन्हें उपलब्ध करा दी जाती है तो 400 से 500 फिट जमीन पर यह गरीब लोग अपना झोपड़ा बनाकर रह सकते हैं।
50 वर्षों से यहां रह रहे लोगों के पुनर्वासन का मसला हल होना चाहिए।

रवि आर्य

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