गोंदिया। नवेगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व बफर जोन में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए ताड़ोबा अंधारी रेंज से लाई गई एक युवा बाघिन को 11 अप्रैल गुरुवार को नागझिरा के जंगलों में छोड़ गया है इससे इस वनपरिक्षेत्र में बाघों की आबादी बढ़ने में मदद मिलेगी।
बता दें कि महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बाघ विदर्भ में है।
सरकार ने पहले चरण में 4-5 बाघों को स्थानांतरित करने हेतु प्रस्तावित किया था इसके पूर्व 20 मई 2023 को 2 मादा बाघिनों को नागजीरा नवेगांव प्रकल्प के गाभा बफर जोन में स्थानांतरित किया गया था।
निकट भविष्य में और बाघों को टाइगर रिजर्व ज़ोन में छोड़े जाने की उम्मीद है , जिससे पर्यटन हेतु आने वाले सैलानियों को बाघ दर्शन के लिए निराशा हाथ नहीं लगेगी।
11 अप्रैल 2024 को छोड़ी गई बाघिन के गले में टेलिमेट्री डाटा के लिए सैटेलाइट जीपीएस कॉलर व वीएचएफ उपकरण बांधा गया है जिससे उसके एग्जिट लोकेशन पर 24 X 7 नज़र रखी जा सकेगी। संपूर्ण सनियंत्रण कार्य और कमांड के लिए साकोली में स्थापित कंट्रोल रूम से यह नज़र रखी जाएगी।
ताड़ोबा अंधारी रेंज से स्थानांतरित इस बाघिन को डॉ आर खोबरागड़े और उनकी टीम ने 10 अप्रैल को ट्राक्युलाइजेशन कर पिंजरे में कैद किया तथा 11 अप्रैल को विशेष वाहन से उसे नागझिरा अभ्यारण्य लाया गया जहां वन्यजीव संस्था के सहकार्य से स्वास्थ्य निरीक्षक पश्चात शाम के वक्त अप्पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ( वन्यजीव ) डॉ . प्रवीण चौहान नागपुर की विशेष उपस्थिति में खुले में विचरण हेतु उसे जंगल में छोड़ा गया।
इस अवसर पर उप वनसंरक्षक तथा क्षेत्र संचालक आर.जयरामगौडा , उपवन संरक्षक (वनविभाग )
प्रमोद कुमार पंचभाई , राहुल गवई , पवन जेफ तथा मानद वन्य जीव रक्षक की टीम उपस्थित थी।
रवि आर्य