गोंदिया। चंद कुछ रूपयों की खातिर उसने अपने लोकसेवक पद का दुरूपयोग करते हुए स्वास्थ्य सेविका से प्रोत्साहन भत्ता निकालकर देने हेतु 3000 रुपये रिश्वत की मांग कर दी लेकिन मोलभाव पश्चात सौदा 2500 रुपये तय होने के बाद रिश्वत की रकम स्वीकार करते लेखापाल एसीबी के जाल में फंस गया।
दरअसल गोरेगांव तहसील के ग्राम मोहाड़ी निवासी 38 वर्षीय शिकायतकर्ता महिला यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चोपा अंतर्गत गिधाड़ी उपकेंद्र में संविदा (कंत्राटी) स्वास्थ्य सेविका के रूप में कार्यरित है तथा आरोपी सुरेश रामकिशोर शरणागत (36 रा. चोपा त. गोरेगांव) यह तहसील स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के तहसील नियंत्रण पथक गोरेगांव में संविदा लेखापाल के रूप में कार्यरित है।
शिकायतकर्ता ने 16500 रुपये रकम का ईसेटीव्ह (प्रोत्साहन भत्ता) निकालकर देने का आवेदन लेखापाल से किया था जिसपर लेखापाल ने प्रोत्साहन भत्ता निकालकर देने के ऐवज में महिला से 3000 रुपये रिश्वत की डिमांड कर दी जो मोलभाव पश्चात 2500 रूपये में डिमांड मंजूर की गई।
फिर्यादी यह रिश्वत की रकम देने की इच्छुक नहीं थी और उसने भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग में शिकायत दर्ज करा दी।
एसीबी टीम ने जांच पश्चात गुरूवार 1 अगस्त को जाल बिछाया और सफल कार्रवाई को अंजाम देते हुए आरोपी लेखापाल सुरेश शरणागत इसे तहसील स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय (तहसील नियंत्रण पथक) गोरेगांव में पंचों के समक्ष शिकायतकर्ता से 2500 रुपये की रिश्वत स्वीकार करते गिरफ्तार कर लिया गया जिसके बाद वह लगा गिड़गिड़ाने।
इस प्रकरण में अब रिश्वतखोर आरोपी के खिलाफ गोरेगांव थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक राहुल माकणीकर, अपर पुलिस अधीक्षक सचिन कदम (एसीबी नागपुर) तथा पर्यवेक्षक अधिकारी विलास काडे (पुलिस उपअधीक्षक, एसीबी गोंदिया) के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक अतुल तवाड़े, उमाकांत उगले, सहा. उपनि. करपे, पो.ह. संजयकुमार बोहरे, मंगेश कहालकर, ना.पो.सि. संतोष शेंडे, संतोष बोपचे, कैलाश काटकर, अशोक कापसे, प्रशांत सोनवाने, मनपोसि संगीता पटले, रोहिणी डांगे, दिपक बाटवर्बे आदि ने की।
रवि आर्य