Published On : Mon, Jun 22nd, 2020

गोंदिया: अदानी फाउंडेशन ने दी , देसी गोवंश के संरक्षण व संवर्धन को गति

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गोंदिया । जिले के तिरोड़ा तहसील में स्थित अदानी फाऊंडेशन ने पशुधन विकास, दूग्ध व्यवसाय और टिकाऊ पशुधन पर आधारित आजीविका गतिविधियों को गति मिल सके इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट बनाकर लागू किया है

इसके तहत अदानी फाऊंडेशन ने पशुधन मालिकों के लिए सार्टेड सीमेन कृत्रिम गर्भाधान उपक्रम की एक पहल शुरू की है।

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इस तकनीक के तहत गायों में न्यूनतम 90% मादा पशु पैदा होंगे अनचाहे नर पशु उत्पन्न होने की संभावना कम हो सकेगी जिससे नर पशुओं को संभालने के लिए लगने वाले समय , श्रम ,धन से पशुपालकों को मुक्ति मिलेगी और इस तरह देसी गोवंश के संरक्षण व संवर्धन को गति मिलेगी।

गाय समस्या नहीं , समाधान है
गोंदिया जिले का भौगोलिक वातावरण दूग्ध व्यवसाय के लिए अनुकूल है और जिले में पशुधन धारकों की संख्या भी बढ़ी है। वहीं अदानी फाऊडेशन के ग्राम खैरबोड़ी और कवलेवाड़ा में 2 पशुधन विकास प्रयोगशाला खुलने से अब आसपास के 26 गांवों को इसका लाभ पहुंचाना शुरू है और इन 26 गांवों में 7060 जानवरों से प्रतिदिन लगभग 10762.5 लिटर दूध का उत्पादन होता है लिहाजा अब तिरोड़ा तहसील में डेयरी व्यवसाय धीरे- धीरे बढ़ रहा है लेकिन पशु पालक दूध व्यवसाय में तब ही ऊचाईयों पर पहुंच सकते है जब मादा बछड़ों की संख्या बढ़ेगी।

अदानी फाऊंडेशन ने पहली बार पूरे गोंदिया जिले में बछिया पैदा करने वाली इस तकनीक का शिलान्यास किया है , जिले के पशुधन मालिकों को सीमन आसानी से मिल सके इसके लिए सार्टेड सीमेन कृत्रिम गर्भाधान की सेवाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही है।

इस योजना के क्रियान्वयन हेतु बीएआईएफ यह एजेंसी गांव में कार्यरित है जिसका कार्य प्रगति की समीक्षा रिपोर्ट देना है तथा अब तक 2554 (AI) 256 ( sssAI ), कृत्रिम गर्भाधान 2183 पूर्ण हुए हैं और गर्भधारण की पुष्टि 1622 का लक्ष्य पूर्ण किया गया है तथा कुल 1000 परिणाम में से 873 बिछिया पैदा हुई है। इस तरह पशुधन विकास के साथ ही अदानी फाऊंडेशन द्वारा दूध व्यवसाय पर आधारित उपजीविका प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाए जा रहे है।

रवि आर्य

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