गोंदिया: राजनीति में कुछ भी हो सकता है , मित्र – शत्रु यहां तक रिश्तेदार भी यहां स्थाई नहीं होते , महाराष्ट्र में भी यही हो रहा है पवार चाचा भतीजे की सियासी लड़ाई चरम पर है।
इसी सिलसिले में शक्ति प्रदर्शन के बीच गोंदिया भंडारा जिले के NCP कार्यकर्ताओं में भी भ्रम की स्थिति है नतीजतन वे बिखरने के बाद पुनः संवारने लगे लगे हैं।
हुआ कुछ यूं कि भंडारा जिले के तुमसर और मोहाड़ी तहसील के कुछ कार्यकर्ताओं ने NCP सुप्रीमो शरद पवार से भेंट की और इस दौरान आशीर्वाद स्वरुप ली गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालकर शरद पवार को समर्थन जाहिर किया इस खबर से दूसरे एनसीपी खेमे में खलबली मच गई और प्रफुल्ल पटेल के गृह क्षेत्र गोंदिया भंडारा जिले से भी पार्टी में बगावत की खबरें आना शुरू हो गई।
बता दें कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने लंबे अरसे तक पार्टी को सींचा और भतीजे अजीत पवार तथा राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल को राजनीति में खास जगह दिलाई लेकिन समय के फेर ने भतीजे को बागी बना दिया।
एक वक्त 1978 में शरद पवार ने राजनीति में 40 विधायकों को साथ लेकर बगावत की जो फसल बोई थी उसी को आज वे 45 वर्ष बाद काट रहे हैं। राजनीति में शरद पवार के कदम को वसंतदादा पाटील के लिए धोखा माना गया। आज इतिहास खुद को दोहरा रहा है सियासत के अखाड़े में जिन्हें मंझा हुआ खिलाड़ी माना जाता था उसी शरद पवार के पैरों तले जमीन खिसक गई है।
अजित पवार बीजेपी के साथ आ गए और शिंदे सरकार में उप मुख्यमंत्री बन गए वहीं NCP के कुल 9 विधायकों ने शपथ ली है और सभी मंत्री बिना विभाग के मंत्री बने हुए हैं , वहीं प्रफुल्ल पटेल भी केंद्र में जल्द मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
इसी बीच मीडिया रिपोर्ट को खारिज करते हुए जिला परिषद सदस्य राजेंद्र ढ़बाले तथा राजू देशभ्रतार और तहसील अध्यक्ष ठाकचंद मुंगूसमारे तथा वरिष्ठ पदाधिकारी छगन पारधी ने अन्य सभी पदाधिकारियों के साथ मुंबई में आज सांसद प्रफुल्ल पटेल से भेंट की और मुलाकात के बाद हमें प्रफुल्ल पटेल का नेतृत्व स्वीकार है इस बात का ऐलान करते हुए अजीत पवार गुट को खुले समर्थन की घोषणा की। शायद इसलिए कहते हैं राजनीति में जो दिखता है वह होता नहीं और जो होता है वह दिखता नहीं।
रवि आर्य