स्वास्थ्य कर्मियों को घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने के निर्देश
गोंदिया: केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की मदद से राज्य में कलस्टर रोकथाम प्रणाली लागू की गई है। राज्य के जिन क्षेत्र में 3 से ज्यादा कोरोना वायरस के मरीज मिले है उन क्षेत्रों में दुसरे मरीजों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्तर पर मुहिम शुरू की गई है।
इस मुहिम को लागू करने के लिए राज्य में 2455 पथक बनाए गए है । इस योजना के तहत अब तक 9 लाख 25 हजार 828 लोगों के नमूनों की जांच की गई है एैसी जानकारी महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे की ओर से देते बताया गया है कि ,जिन क्षेत्रों में 3 या उससे अधिक कोरोना पॉजिटिव के मरीज पाए गए है वहां कलस्टर एक्शन प्लान लागू किया जा रहा है जिसके तहत 3 किमी की हद में सभी का सर्वेक्षण किया जा रहा है।
सबसे पहले उस इलाके का नक्शा बनाया जाता है, कितने घर है ? कितनी आबादी है ? यह देखा जाता है , फिर उस इलाके को विभाजित (पैक) कर सर्वेक्षण का काम सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक किया जा रहा है।
वहां स्वास्थ्य विभाग का दस्ता जाकर यह देखता है और घर-घर जाकर इस बात कि नोटिंग करता है कि, किसे सर्दी, बुखार, खांसी हुई है ? किसे सांस लेने की तकलीफ है? एैसे मरीजों की विशेष जांच की जाती है, उसके बाद एक सूची बनायी जाती है, उसकी जानकारी संबधित स्वास्थ्य अधिकारी को दी जाती है उसे अगले 6 दिनों तक प्रतिदिन सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है।
यदि कोई संदिग्ध मरीज पाया जाता है तो संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी उसे उपचार हेतु बड़े अस्पताल में भेज देता है।
किन-किन शहरों में लागू है कलस्टर कंट्रोल एक्शन प्लान?
महाराष्ट्र राज्य के जिन क्षेत्रों में कोरोना की रोकथाम के लिए कलस्टर रोकथाम प्रणाली लागू की गई है। एैसे क्षेत्र मुंबई महानगर पालिका, पुणे नगर पालिका, पिंपरी -चिचवाड़ पालिका, पुणे ग्रामीण क्षेत्र, ठाणे जिले में ठाणा नगर पालिका, कल्याण-डोंबीवली महानगर पालिका, नवीं मुंबई नगर पालिका, रत्नागिरी, अहमदनगर जिला, यवतमाल, नागपुर महानगर पालिका, सतारा, सांगली, रायगढ़ जिला, वसई- विरार क्षेत्र, सिंधुदुर्ग जिला, कोल्हापुर, गोंदिया जिला, जलगांव नगर निगम, नासिक ग्रामीण क्षेत्र है जहां कलस्टर प्रणाली लागू की गई है।
सर्वेक्षण पथक में कौन होता है?
कलस्टर रोकथाम प्रणाली टीम के दस्ते में स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगणवाड़ी सेविका, नर्सिंग कॉलेज की छात्रा इत्यादि शामिल होते है। यह टीम सर्वेक्षण के साथ-साथ संपर्क ट्रेसिंग का महत्वपूर्ण कार्य भी करती है। इसके अलावा कोरोना पर जनजागरूकता का काम भी किया जाता है।