गोंदिया आयोजित विवाह समारोह में करेंगे शिरकत , मोहन भागवत का काफिला ‘वालिया कोठी’ पहुंचा
गोंदिया। तमाम हिंदूवादियों की नजरें आज गोंदिया में आयोजित एक विवाह समारोह में उपस्थित रहने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत तथा अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के संस्थापक अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया पर टिकी है। 2018 में अलग होने के बाद भागवत और तोगड़िया पहली बार आमने-सामने होने से इसका महत्व और बढ़ गया है।आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का काफिला कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज 6 दिसंबर सोमवार दोपहर 2:30 बजे गोंदिया के गणेश नगर इलाके में ‘वालिया कोठी’ पहुंच गया।
दोनों के बीच कोई बातचीत होगी या नहीं ? और होगी तो किस विषय पर होगी ? इसे लेकर विभिन्न कयास लगाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गोंदिया की वालिया कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक तथा विश्व हिंदू परिषद के पूर्व विदर्भ प्रांत अध्यक्ष विजयजीतसिंग (राजू ) वालिया की पुत्री अनंतप्रीत एवं पुत्र विशेष वालिया को आशीर्वाद देने हेतु मोहन भागवत तथा प्रवीण भाई तोगड़िया आज सोमवार 6 दिसंबर को गोंदिया पधारे हैं।
दोनों के आगमन को लेकर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है। शहर के गणेनगर इलाके में सहयोग कॉलोनी के निकट स्थित ‘वालिया कोठी’ में दोनों दिग्गज हस्तियों का आगमन होगा इसके अलावा संघ के चुनिंदा पदाधिकारी और वालिया परिवार के सदस्य आशीर्वाद कार्यक्रम में हिस्सा लेंगें।
आशीर्वाद समारोह पश्चात प्रवीण भाई रात 8:00 बजे रिंग रोड के अयोध्या नगर के साईं मंगलम रेसिडेंसी स्थित शिवकुमार शर्मा के घर पधारेंगे। तत्पश्चात रात 8:30 बजे जलाराम लॉन (आमगांव रोड) यहां वैवाहिक समारोह में उनका आगमन होगा वे मंगलवार की सुबह गोंदिया से नागपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।
दोनों को लंबे अरसे से बाद एक साथ देखने के इस ऐतिहासिक क्षण का क्या गोंदिया गवाह बनेगा ? इस बात को लेकर लोग अपनी-अपनी तरह से कई कयास लगा रहे हैं।
हालांकि इस पारिवारिक मेहमान नवाज़ी के लिए वालिया परिवार की ओर से व्यवस्थाएं भी बनाई गई है और प्रशासन ने भी पुलिस सुरक्षा के पूरी तरह चाक-चौबंद इंतजाम कर लिए है।
हिंन्दु राष्ट्रवाद के पैरोकार हैं प्रवीण तोगड़िया
हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए देश भर में अपनी हुंकार से हलचल मचाने वाले प्रवीण तोगड़िया 10 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़े ,16 साल की उम्र में संघ में स्वंयसेवक बनाए गए , 1979 में महज 22 साल की उम्र में उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मार्गदर्शक चुना गया। तोगड़िया और नरेंद्र मोदी की गाड़ी एक ही समय में निकली थी , 80 के दशक में दोनों आरएसएस के कार्यक्रमों में साथ जाते थे लेकिन तोगड़िया वीएचपी के हो गए और नरेंद्र मोदी बीजेपी के। 1983 में तोगड़िया विहिप से जुड़े तथा अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सिंघल की जगह ली थी किंतु जून 2018 को उन्होंने स्वयं को विश्व हिंदू परिषद से अलग कर लिया और अपने समर्थकों के साथ अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) की स्थापना की।वीएचपी , बीजेपी और आरएसएस के भीतर की राजनीति इस दौर में एक नई राह पर चल पड़ी है ।
प्रवीण तोगड़िया पेशे से डॉक्टर (विख्यात कैंसर सर्जन ) है और हिंदू राष्ट्रवाद के पैरोकार रहे हैं। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू मुसलमान दोनों के पूर्वजों को एक बताया था ? इस बयान पर प्रवीण तोगड़िया ने पलटवार करते कहा था – इस तरह के बयान , हिंदू समाज को दिग्भ्रमित करने की कोशिश है।
क्या मोहन भागवत और प्रवीण भाई तोगड़िया दिखेंगे साथ ? इस मुलाकात पर निगाहें टिकी हैं।
-रवि आर्य