गोंदिया : राष्ट्रवादी में दो फाड़ से महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष तेज हो गया है एनसीपी अब दो गुटों में बट गई है और दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दायर करना , नए पदाधिकारियों की नियुक्ति करना और विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के अलग-अलग बैठकें बुधवार 5 जुलाई को मुंबई में बुलाई है।
इन बैठकों में शामिल होने के लिए गोंदिया-भंडारा जिले से भी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने 4 जुलाई मंगलवार को विदर्भ एक्सप्रेस से मुंबई के लिए कूच किया।
हालांकि प्रत्येक गुट का समर्थन करने वाले विधायकों की सटीक संख्या स्पष्ट नहीं है इसी बीच प्रफुल्ल पटेल ने मीडिया से कहा- हमारे पास विधायक नहीं होते तो हम राज्यपाल के पास नहीं जाते हम एक पार्टी है , हमें संख्या बताने की जरूरत नहीं है।
शिंदे बाला साहब की फोटो यूज़ कर रहे हैं , हमने शरद पवार की फोटो लगाई है – विधायक चंद्रिकापुरे
इस संकट और विद्रोह के बीच गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव विधानसभा क्षेत्र के एनसीपी विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे के बैनर पोस्टर खुब चर्चा का विषय बने हुए हैं।
सड़क अर्जुनी के बस स्टॉप निकट , तथा अर्जुनी मोरगांव के ग्राम खामखुर्रा और संपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में अजित पवार के उप मुख्यमंत्री बनने पर हार्दिक अभिनंदन के होर्डिंग लगाए गए हैं , इन होर्डिंग पोस्टर में एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार की भी प्रमुखता से तस्वीर छपी है। मीडिया द्वारा पूछे जाने पर विधायक चंद्रिकापुरे ने कहा- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बाला साहब ठाकरे की फोटो यूज़ कर रहे हैं उसी तरह हमने भी पार्टी सुप्रीमो शरद पवार की फोटो होर्डिंग में लगाई है।
बता दें कि शरद पवार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और सांसद सुनील तटकरे को एनसीपी के सदस्य पद से हटा दिया है , जवाबी कार्रवाई में अजीत गुट ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए जयंत पाटील और जितेंद्र आव्हाड़ को अयोग्य घोषित कर दिया है।
यह स्थिति एक साल पहले हुई सेना बनाम सेना की लड़ाई की याद दिलाती है ।
एनसीपी में ड्रामे के बीच पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए आगे क्या ?
उल्लेखनीय है कि एनसीपी में शरद गुट और अजीत गुट के बीच जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन चल रहा है , जिसे लेकर प्रफुल्ल पटेल के गृह क्षेत्र गोंदिया भंडारा जिले के एनसीपी कार्यकर्ता यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किसका साथ दें और किसका साथ ना दें ? बता दें कि शरद पवार का जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ एक मजबूत जुड़ाव है और उनकी लोकप्रियता पश्चिम महाराष्ट्र , उत्तरी महाराष्ट्र , मराठवाड़ा तथा विदर्भ तक है। नाम न छापने की शर्त पर दुखी मन से एक एनसीपी कार्यकर्ता ने कहा- एनसीपी में कई बड़े नेता स्वार्थ से भरे हुए हैं वे प्रदेश की प्रगति के रास्ते में बाधा खड़ी करते हैं , यह लोग शायद भूल गए हैं कि शरद पवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुए हैं , हम जमीनी कार्यकर्ता हैं , हम एनसीपी के विचारधारा के साथ जुड़े हुए हैं इसलिए शरद पवार के साथ हैं।
गौरतलब है कि एनसीपी में विभाजन के बाद गोंदिया भंडारा जिले के एनसीपी के कई बड़े नेता अपने झुंड की रक्षा करते दिखाई दे रहे हैं यहां तक कि उन्होंने शक्ति प्रदर्शन के लिए मुंबई जाने वाले कार्यकर्ताओं के आने- जाने के रेल टिकट और खाने-पीने का इंतजाम तक करवा दिया।
वही कुछ अंध भक्तों का कहना है कि प्रफुल पटेल का आशीर्वाद हम पर और पार्टी पर हमेशा बना रहे इसलिए हम भाईजी के साथ है।
एक प्रफुल्ल और अजीत समर्थक कार्यकर्ता ने कहा- सियासी विरासत पर काबिज होने के लिए प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार ने चतुर और माहिर खिलाड़ी की तरह चाल चली , किसी को कानों कान खबर नहीं होने दी और एक घंटे के अंदर एनडीए गठबंधन में 9 विधायक शपथ लेकर शामिल हो गए।
कुल मिलाकर गोंदिया भंडारा जिले की राजनीति में हाहाकार मचा हुआ है वहीं कुछ राजनीतिक घटनाक्रम के बीच एनसीपी नेताओं ने देखो और इंतजार करो की रणनीति अपनाने का फैसला किया हैं ।
रवि आर्य