Published On : Sat, Sep 14th, 2019

गोंदिया के 22 लड़के दुबई में फंसे

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जबरन श्रम से जुड़ा यह मानव तस्करी (कबूतरबाजी) का मामला तो नहीं?

गोंदिया: अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी (कबूतरबाजी) सबसे नवीनतम प्रकार का अपराध है, जो देश के लगभग हर हिस्से में तेजी से अपने पंख फैला रहा है।

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विदेश में नौकरी यह हर युवा का सपना होता है, अपनी इसी चाहत को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र के अंतिम शोर पर बसे नक्सल प्रभावित गोंदिया जिले के कई शिक्षित बेरोजगार एजेंटों से संपर्क साधते है।

एजेंट भी अपनी कमिशन की लालच में गरीब परिवारों के युवाओं को गल्फ कन्ट्री की चकाधौंध भरी जिंदगी के सब्जबाग दिखाते है और इन्हीं सपनों की दुनिया में उलझकर जिले के शिक्षित बेरोजगार दुबई, बेहरीन, कतर, कुवैत, इरान, इराक जैसे देशों की धरती पर कदम रख देते है लेकिन जब उनका सामान हकीकत से होता है, तो उनमें से कुछ मजबूरीवशः अपना हौसला बनाए रखते है तो कुछ हालात के आगे घुटने टेक देते है।

वायरल वीडियो से मची खलबलीः पुलिस हुई चौंकनी
गोंदिया के सोशल मीडिया पर 13 सितबंर शुक्रवार को दुबई में फंसे 22 लड़कों का वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो ने तिरोड़ा तहसील के ग्राम करटी , माल्ही, डोंगरगांव, कोटले, लेदड़, पालडोंगरी, गुमाधवड़ा में खलबली मचा दी।

दुबई स्थित डोरमायट्री सिस्टम (कम जगह में ज्यादा लोग) यहां बैठे तिरोड़ा तहसील के युवक सतीश कटरे, आदेश सोनवाने, पृथ्वीराज कटरे, अमित बावने, खोमेंद्र सोनवाने आदि वीडियो में यह कहते सुनाई दे रहे है कि, इधर दुबई में आकर हम 22 लोग फंस गए है। आर.जे. इन्स्टोलेशन ट्रेनिंग सेंटर (श्याम कॉम्पलेक्स फस्ट फ्लोर तिरोड़ा) के एजेंट राज सोनवाने ने हमें फंसा दिया है।

जिस काम के लिए भेजा गया था, वह काम यहां है ही नहीं ? हमसे सलाखें उठाना, नालियों की सफाई जैसा निकृष्ट स्तर का काम करवाया जा रहा है तथा अलग-अलग कैम्प में जाओ एैसा बोलकर 2-2 लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। इंकार करने पर नहीं तो पुलिस केस कर देंगे, इधर ही रखेगें, तुमको इंडिया नहीं भेजेंगे, एैसी धमकी दी जा रही है। हमको यहां खाना-पानी भी नहीं मिल रहा है, हम इंडिया आना चाहते है, प्लीज हमें यहां से निकालो एैसी अपील वीडियो के माध्यम से युवक कर रहे है।

तेजी से वायरल हुए इस वीडियो पर अब पुलिस ने भी संज्ञान लेना शुरू कर दिया है तथा यह मामला कहीं जबरन श्रम (मानव तस्करी) के कबूतरबाजी का तो नहीं? इस दिशा में भी अब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

दुबई में हमारे बच्चे भूखे है तो हमें खाना कैसे चलेगा?
वीडियो में दिख रहे ग्राम करटी निवासी सतिश कटरे के पिता शिवनाथ कटरे तथा लालचंद सोनवाने से दूरभाष पर हमने बात की तो उन्होंने जानकारी देते बताया , 3 सितबंर के रात 11 बजे मुंबई से दूबई इन लड़कों को प्रतिमाह 700 दिरहम (8 घंटे डियुटी), प्रतिमाह 1100 दिरहम (12 घंटे ओवर टाइम के साथ डियुटी) निश्‍चित करते हुए एजेंट राज सोनवाने द्वारा प्रति व्यक्ति 45 हजार रूपये लेकर भेजा गया, तब से सभी लड़कों का मोबाइल बंद है, हमारे गांव का बाजू वाला लड़का जो 1 साल से दूबई में है वह कल बच्चों से मिलने गया था तो उसने रात को फोन करके बताया कि, उन्हें खाना नहीं मिलता, मैंने उन्हें नाश्ता करवा दिया है। जिसके बाद यह वीडियो आने पर हम एजेंट सोनवाने के घर गए और उनसे अपने बेटे को वापस इंडिया लाकर देने की गुहार लगायी।

अभी एजेंट का कहना है, रविवार को टिकट बनेगी, सोमवार को बच्चे आ जाएंगे अगर एजेंट अपने वादे पर खरा नहीं उतरा तो हम पुलिस के माध्यम से विदेश मंत्रालय या दुबई में भारतीय दूतावास से संपर्क साधेंगे। फिलहाल तो हमारे बच्चे भूखे है तो हमें खाना कैसे चलेगा?
गौरतलब है कि, 22 लड़कों का पहला वीडियो वायरल होने के बाद अब दुसरा वीडियो सामने आया है जिसमें लड़के कहते दिख रहे है कि, तिरोड़ा का एजेंट अपने मुंबई ऑफिस- रिगल इंटरनेशनल से बात कर रहा है, पुरी गलती उसी की है इधर कम्पनी बराबर नहीं है जिस काम के लिए आए थे वो काम नहीं मिल रहा इसलिए हमें जल्द से जल्द निकालो।

शिवसेना ने मुद्दे को लपका, पीड़ित परिवारों से की भेंट
तिरोड़ा तहसील के 22 शिक्षित युवकों के दुबई में फंसे होने के वीडियो की पुष्टि करते हुए शिवसेना प्रणित जिला युवा सेना के समन्वयक सोनु चंद्रवंशी, शिवसैनिक पंकज चौरागड़े तथा भारती विद्यार्थी सेना के माजी सरचिटणीस हर्षल पवार ने शिवसेना जिला प्रमुख मुकेश शिवहरे, उपप्रमुख तेजराम मोटघरे, वरिष्ठ नता पंकज यादव से इस विषय में चर्चा के बाद एक दल ग्राम करटी पहुंचा और पीड़ित परिवार से भेंट कर सारी जानकारी इक्कठी की तत्पश्‍चात शिवसैनिक , एजेंट सोनवाने के श्याम कॉम्पलेक्स स्थित दफ्तर पहुंचे तो ऑफिस बंद दिखा जिसपर उससे संपर्क साधा गया। एजेंट सोनवाने के आने पर उससे की गई बातचीत का वीडियो तैयार किया गया और अब यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।

जैसे ही एग्जिट पेपर मिलेगा, बच्चे वापस इंडिया आ जायेंगे
वायरल हुए वीडियो में एजेंट राज सोनवाने यह कहते दिख रहा है कि, रिगल इंटरनेशनल (मरोल नाका मुंबई) के माध्यम से 25 लोग 3 सितबंर देर रात मुंबई से दुबई रोजगार के सिलसिले में भेजे गए। 4 को दुबई पहुंचते ही कम्पनी ने उनको पूछा- तुमको क्या काम आता है? तो उन्होंने कहा- हमें काम नहीं आता, जिसपर कम्पनी ने उन्हें 4 दिन सिविल काम करना होगा एैसा कहा लेकिन 22 युवकों ने कह दिया- हमको खाना नहीं मिल रहा, पानी नहीं मिल रहा, हमें यहां काम नहीं करना है तथा एक वीडियो बनाकर उन्होंने अपने परिजनों को भेजा, जिसमें मुझे बच्चों ने गाली दी है लेकिन मेरा अनुरोध है, थोड़ा सब्र रखो.. अगर बच्चों को वहां से निकालकर लाना है तो कुछ प्रोसिजर है। अगर वे शार्ट टर्म विजा के लिए 3-6 महीने के लिए जाते तो पेपर की जरूरत नहीं होती लेकिन ये लाँग टर्न विजा के लिए गए है, इन्होंने 2 साल का बाँड (स्टॉम्प) भरा है इसलिए जब तक एग्जिट पेपर साइन नहीं होगा, तब तक वापस नहीं आ सकते? जैसे ही एग्जिट पेपर मिलेगा, बच्चे वापस आ जाएंगे इसलिए थोड़ा धीरज रखें सब ठीक हो जायेगा।

रवि आर्य

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