कलेक्टर कार्यालय में ACB की दस्तक ,10 हजार की रिश्वत लेते अतिरिक्त स्विय सहायक पकड़ाया
गोंदिया। आतिशबाजी के लाइसेंस बनवाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में वसूली का खेल चल रहा है इस बात की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को मिलने के बाद , रुपए लाओ- फटाका बिक्री का लाइसेंस ले जाओ ? कुछ इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग कर पटाखा बिक्री के लिए लाइसेंस हस्तांतरण के एवज में 10 हजार रुपए रिश्वत की डिमांड करने वाले वरिष्ठ लिपिक को एसीबी टीम ने गवाहों के समक्ष घूस की रकम स्वीकारते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
हिरासत में लिए गए आरोपी के विषय में बताया जाता है कि उसके पास जिलाधिकारी कार्यालय में अतिरिक्त स्विय सहायक का चार्ज (कार्यभार) भी है ।
मामले के विषय में एसीबी ने जानकारी देते बताया- शिकायतकर्ता की हार्डवेयर व बर्तन की दुकान है, पिता की मृत्यु के बाद उनके नाम से खुदरा पटाखे बिक्री का लायसंस अपने नाम हस्तांतरित करने के लिए आवश्यक कागजपत्रों के साथ शिकायतकर्ता के भाई ने जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन किया था।
तब जिलाधिकारी कार्यालय में शीर्ष लिपिक (दंड शाखा) पद पर कार्यरित राजेश मेनन ने लायंसस हस्तांतरण हेतु 10 हजार रूपये की डिमांड की थी।
कुछ दिनों बाद शिकायतकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा और शीर्षस्थ लिपिक मेनन से मुलाकात करते हुए पटाखा बिक्री का लायंसस हस्तातंरण करने संबंधी पूछताछ करते हुए 900 रूपये का चालान बैंक में भरकर उसकी रसीद जमा करा दी, जिसके बाद पुनः शिकायतकर्ता ने जिलाधिकारी कार्यालय जाकर मेनन से भेंट की तो उसने उक्त काम के लिए 11 हजार रूपये के रिश्वत की मांग कर दी।
फरियादी ने चढ़ावे की रकम देने के बजाय 13 अक्टूबर को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के गोंदिया दफ्तर पहुंच अपनी शिकायत दर्ज करा दी।
मामले पर तत्काल एक्शन लेते हुए एसीबी विभाग अधिकारियों ने जांच पश्चात जिलाधिाकरी कार्यालय के दंड शाखा में जाल बिछाया और सफल कार्रवाई को अंजाम देते हुए मोलभाव पश्चात शिकायतकर्ता से 10 हजार रूपये रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए शीर्ष लिपिक (अतिरिक्त कार्यभार स्विय सहायक) राजेश मेनन (46) को रंगेहाथों पंच गवाहों के समक्ष गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में अब घूसखोर आरोपी के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार प्रतिबंध अधिनियम सन 1988 के तहत गोंदिया ग्रामीण थाने में मामला दर्ज कराया गया है।
उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक राकेश ओला, अपर अधीक्षक मिलिंद तोतरे (एसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में उपअधीक्षक पुरूषोत्तम अहेरकर, पोनि अतुल तवाडे, पो.ह. राजेश शेंद्रे, ना.पो. सि. योगेश उईके, रंजीत बिसेन, नितीन रहांगडाले आदि की ओर से की गई।
रवि आर्य