विकास कामों को दृष्टिगत रखते हुए यूटिलाइजेशन प्रमाण पत्र जारी करने के दिए निर्देश
गोंदिया: राजस्व प्रशासन जनता के हित के लिए है और जिला प्रशासन को नागरिकों के कामों को प्राथमिकता देकर कार्य करना चाहिए एैसे निर्देश विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे- वर्मा ने प्रशासन को दिए।
30 जुलाई को जिलाधिकारी कार्यालय में जिले के विभिन्न मुद्दों को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में बोलते हुए उन्होंने आगे कहा- राजस्व विभाग प्रशासन की रीढ़ है और नागरिकों की समस्याओं तथा सरकारी योजनाओं को अंतिम घटकों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन और नागरिकों के बीच समन्वय की आवश्यकता है।
साथ ही वन हक्क समिति के प्रस्तावों का निराकरण किया जाए तथा जिले के विकास कार्यों को दृष्टिगत रखते हुए क्रियान्वयन एजेंसियों को एक वर्ष के भीतर युटीलाइजेशन प्रमाणपत्र जारी करना आवश्यक है, एैसे निर्देश भी विभागीय आयुक्त ने दिए।
सर्वप्रथम जिलाधिकारी नयना गुंडे ने गोंदिया जिला का विस्तार से परिचय दिया। उन्होंने कहा कि, प्रशासनिक कार्यो को सुव्यवस्थित करने के साथ-साथ राजस्व विभाग में रिक्त पदों को भरा जाए तथा प्रशासनिक अधिकारियों के पास वाहन नहीं है इसलिए उन्हें वाहन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
अपर जिलाधिकारी राजेश खवले ने पीएआर वसूली एंव राजस्व अभियान के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि, सभी खाताधारकों के खाते में मोबाइल नंबर और आधार नंबर दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। साथ ही ई-फेरफार कार्यान्वयन (अपंजीकृत और पंजीकृत), प्रपत्र अ, ब, क में सरकारी राजस्व, गौणखनीज के संदर्भ में रेती, रेतीघाट, खन्न पट्टा नीलामी, पत्थर, गिट्टी, मुरूम आदि की जानकारी, सन 2020-21 के लिए पत्थर, गिट्टी, मुरूम से प्राप्त राजस्व 2029.12 लाख, जिला खनिज प्रतिष्ठान, विभिन्न प्रयोजनों के लिए शासकीय जमीन के कब्जे या पट्टे के मामलों में कार्यवाही करने, नवीनीकरण अभियान के तहत 975 पट्टों का नवीनीकरण किया जा रहा है साथ ही महाराजस्व अभियान को प्रभावी ढंग से लागू किए जाने की जानकारी भी उन्होंने दी।
न.प. मुख्याधिकारी करण चौहान ने जानकारी देते कहा- नगर परिषद का आर्थिक स्त्रोत मालमत्ता कर व पानी पट्टी कर पर निर्भर है, इस वर्ष मालमत्ता कर व पानी का बिल शत प्रतिशत वसूला जाएगा। गत वर्ष संपत्ति कर की 53.33 % तथा पानी पट्टी कर 40.86 की वसूली हुई। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), रमाई आवास योजना, घनकचरा व्यवस्थापन प्रकल्प की वर्तमान स्थिति, अमृत योजना के तहत भूमिगत गटर व निकासी प्रक्रिया प्रकल्प, महाराष्ट्र राज्य सुवर्णजयंती नगरोत्थान महाअभियान न.प. तिरोड़ा आदि की विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में जिलाधिकारी नयना गुंडे, जि.प. मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रदीपकुमार डांगे, उपवनसंरक्षक कुलराजसिंग, एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प अधिकारी अमोल सागर, अपर जिलाधिकारी राजेश खवले, निकासी उपजिलाधिकारी जयराम देशपांडे, उपजिलाधिकारी सुभाष चौधरी, न.प. मुख्याधिकारी करण चव्हान, न.प. मुख्याधिकारी अर्चना मुंढे, जिला नियोजन अधिकारी कावेरी नाखले, जिला आपूर्ति अधिकारी देवराव वानखेडे, गोंदिया उपविभागीय वंदना सवरंगपते, शिल्पा सोनाले, धान खरीदी अधिकारी लिना फलके, तहसीलदार अनिल खडवतकर, उषा चौधरी, विजय बोरूडे, प्रशांत घोरूडे, विनोद मेश्राम, डी.एस. भोयर, सचिन वाढवे तथा जिला आपत्ती व्यवस्थापन अधिकारी राजन चौबे उपस्थित थे।
रवि आर्य