Published On : Wed, Feb 3rd, 2021

गोंदिया: सांप पकड़ना कोई बच्चों का खेल नहीं!

सूर्यटोला स्थित घर में निकला रेट स्नैक , रेस्क्यू कर ढ़ाकनी के जंगल में छोड़ा

गोंदिया: बेमौसम बारिश होने के कारण शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सांप निकलने की घटनाएं बहुत हो रही है।
घर हो या बाड़ा या अस्पताल हो अथवा पुलिस मुख्यालय के आसपास का क्षेत्र यहां से सांप निकलने के कॉल बहुत से आ रहे हैं।
सर्पमित्र प्रणय पार्थ उर्फ बंटी शर्मा ने सांपों को बचाने की मुहिम छेड़ रखी है उन्होंने गत 13 वर्षों से सांपों को बचाने के काम को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है और एक कॉल आते ही अपने साथी सर्पमित्र शशांक लाड़ेकर के साथ सांप पकड़ने पहुंच जाते हैं।
मूक प्राणी को बचाने और इंसान के सुरक्षा की जिम्मेदारी सर्पमित्र बंटी शर्मा बखूबी निभा रहे हैं।

Gold Rate
Wednesday12 Feb. 2025
Gold 24 KT 85,200 /-
Gold 22 KT 79,200 /-
Silver / Kg 94,800 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

अपनी जान पर खेलकर , सांप की जिंदगी बचाई
28 जनवरी की शाम 4 बजे गोंदिया शहर के बीएचएमएस कॉलेज रोड , सूर्यटोला इलाके से आशीष राहंगडाले नामक व्यक्ति ने कॉल करके बताया चुन्नीलाल राहंगडाले इनके खेत से लगे मकान में एक बड़ा सांप निकला है जो करीब 8 फिट लंबा है तथा चूहों के बिल के आसपास चक्कर लगा रहा है।
सर्पमित्र बंटी शर्मा यह तत्काल स्नैक टांग और विशेष स्टिक के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर सूर्यटोला इलाके में पहुंचे तथा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
चूहों के बिल में घुसे सांप को पकड़ने के लिए उसमें पानी डाला गया जिससे सांस लेने के लिए सांप थोड़ा बाहर निकला , टॉर्च की रोशनी से चूहों के बिल में घुसे सांप को ढूंढा और अपनी जान पर खेलकर सांप की जिंदगी बचाई यह सांप रेट स्नेक ( धामन मेल ) है तथा इसकी लंबाई करीब साढ़े सात से 8 फिट और उम्र 5 से 6 वर्ष के बीच है , इस सांप की पूंछ में कांटा होता है जो कि एक अफवाह और अंधविश्वास है ।
इस सांप को रेस्क्यू करने के बाद उसे एक बड़े प्लास्टिक के डब्बे में डाला गया और पास के ही ग्राम ढाकनी से लगे जंगल परिसर के सदा सावली की झाड़ियों में रिलीफ किया गया।

बिना प्रशिक्षण सांप पकड़ने का प्रयास ना करें , हो सकता है खतरनाक
नागपुर टुडे से बात करते सर्पमित्र बंटी शर्मा ने बताया- सांपों को रेस्क्यू करने का प्रशिक्षण लेने के बाद वे 13 वर्षों के अंतराल में अब तक कोबरा , क्रेट , वाइपर जैसे जहरीले सांपों के अलावा ट्रिंक किट , अजगर ,रेट स्नैक , रसल सेंड , ब्रोवा , चैकड़ ( डोंडिया ) आदि प्रजातियों पाइजन , स्लो पाइजन , और बिना पायजन वाले 12 से 13 हजार सांपों को वे अब तक रेस्क्यू कर चुके हैं तथा उनका उद्देश्य मूक प्राणियों का जीवन और इंसान को बचाना है।
गोंदिया शहर तथा आसपास के 10 किलोमीटर के क्षेत्र में सांप निकलने की कॉल आने पर वह रेस्क्यू करने पहुंच जाते हैं।
हालांकि सांपों को बचाने की मुहिम उन्होंने निशुल्क रखी हुई है लेकिन अगर कोई दूरदराज के इलाके में जाने पर अपनी खुशी वह स्वेच्छा से मोटरसाइकिल से आने पर पेट्रोल का पैसा देता है तो वे सामने वाले की तसल्ली के लिए स्वीकार करते हैं दरअसल उनका मकसद केवल मूक प्राणियों का जीवन और इंसान को खतरे से बचाना है।

– रवि आर्य

Advertisement