मिलिंग के लिए डीओ लेकर गोदामों पर पहुंचे मिलर्स को बैरंग लौटाया तो तो उजागर हुआ मामला
गोंदिया। मिलिंग के लिए संग्रहण केंद्रों (गोदामों) पर डीओ लेकर धान उठाव के लिए पहुंच रहे मिलरों को कई समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्रों के संचालक ओर व्यवस्थापक बैरंग वापस लौटा रहे। ऐसे ही एक मामले की जांच हेतु जब गोदामों की तलाशी लेने गुरुवार 13 अक्टूबर को जिला मार्केटिंग अधिकारी कार्यालय गोंदिया से अफसरों की टीम गई तो 8000 क्विंटल धान 2 गोदामों से गायब मिला । अफरा तफरी कर गायब किए गए धान की राशि एक करोड़, 55 लाख , 20 हजार रुपए बताई जा रही है।
अब इस मामले में सालेकसा थाना कोतवाली पहुंच फरियादी जिला पणन अधिकारी मनोज बाजपाई (महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड मुंबई ) द्वारा समृद्ध किसान शेती उद्योग साधन सामग्री पुरवठा व खरीदी बिक्री सेवा सहकारी संस्था मर्यादित सालेकसा (रजिस्ट्रेशन क्रमांक 1070 ) के अध्यक्ष, व्यवस्थापक , ग्रेडर और संचालकों सहित कुल 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।
सरकार के पैसे से खरीदे गए अच्छी क्वालिटी के धान को बाजार में बेच दिया जाता है
बता दें कि समर्थन मूल्य पर जब किसानों से धान खरीदा जाता है तो धान खरीदी के पश्चात उस धान को संस्था के गोदामों में ही रखा जाता है। जिसके बाद कस्टम मिलिंग के लिए मिलरों को डीओ जारी किया जाता है इस पर्ची को लेकर मिलर्स खरीदी केंद्रों के संग्रहण गोदामों पर पहुंचते हैं तथा धान का उठाव कर उसकी मिलिंग करते हैं और तय लिमिट ( लाट ) के आधार पर वेयरहाउस व एफसीआई के गोदामों में चावल जमा कराया जाता है। जिसके बाद यह चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन दुकानों में भेजा जाता है जहां से गरीबों के बीच यह वितरित होता है।
लेकिन कुछ खरीदी बिक्री (संग्रहण केंद्रों ) के संचालक सरकार के पैसे से खरीदे गए हैं अच्छी क्वालिटी के धान को गोदामों से निकालकर खुले बाजार में बेच देते हैं तथा उसकी जगह उसी गोदाम में नमी की अधिक मात्रा का घटिया धान रख दिया जाता है तो कहीं धान का ही गबन कर लिया जाता है। ऐसे मामले सरकारी अमले की उदासीनता और सिस्टम की खामियों को उजागर करते हैं।
इस प्रकरण में संस्था द्वारा किराए पर लिए गए ग्राम साखरीटोला व कुनबी टोला अंतर्गत आने वाले ग्राम रोंढा स्थित गोदामों की जांच संस्था के कर्मचारी व व्यवस्थापक को साथ लेकर अफसरों द्वारा गुरुवार शाम 4:00 बजे तक की गई। लेकिन दोनों खरीदी केंद्रों के गोदामों में महज़ कुछ धान के बोरे दिखाई दिए मतलब रजिस्टर स्टॉक चेक करने पर 8000 क्विंटल धान गायब है। अफरा तफरी किए गए धान के अनुमानित राशि एक करोड़, 55 लाख , 20 हजार रुपए बताई जा रही है। धान संग्रहण केंद्रों की जांच पश्चात गोदामों से धान गायब होने पर अब सरकार से धोखाधड़ी किए जाने के चलते एफआईआर दर्ज कराई गई है। अब जिला प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा सभी के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
विशेष उल्लेखनीय है कि सरकार के द्वारा किसानों से धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई थी इसके लिए जिले में सभी संस्थाओं के लिए अलग-अलग धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया था , इसी के तहत जिले के सालेकसा तहसील की संस्था समृद्ध किसान शेती उद्योग साधन सामग्री पुरवठा व खरीदी बिक्री सेवा सहकारी संस्था द्वारा हजारों क्विंटल धान की खरीदी की गई थी जिसमें से कुछ धान का उठाव कर लिया गया था शेष धान का उठाव होना बाकी था जिसमें से 8000 क्विंटल धान गायब है।
रवि आर्य