‘ आनंदोत्सव ‘ सिंधी फूड फेस्टिवल ने बांधा समां , हजारों ने लजीज पकवानों का उठाया लुफ्त
गोंदिया: सिंधी इष्टदेव सांई झूलेलालजी का चेट्रीचंड्र महोत्सव (सिंधी दिवस) शनिवार 2 अप्रेल को उमंग, उत्साह और हर्षोउल्हास के साथ मनाया जाएगा। झूलेलाल जयंती अवसर पर 5 दिवसीय विभिन्न आयोजन रखे गए पुज्य सिंधी जनरल पंचायत की अगुवाई तथा क्षेत्रीय पंचायतों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के संयुक्त तत्वधान में 31 मार्च गुरुवार को स्थानीय सिंधी स्कूल प्ले-ग्राउंड पर आनंदोत्सव मेला (सिंधी फूड-फेस्टिवल) का आयोजन किया गया।
आनंदोत्सव का उद्देश्य समाज बंधुओं की सहभागिता एवं उत्साह को बढ़ाने के लिए समूह स्तर पर सिंधी लोक संगीत नृत्य जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है। सिंधी संस्कृति सभ्यता के छटा बिखेरती इस सुहानी बेला पर मात्र 10 रुपये में हर प्रकार के सिंधी लजी़ज पकवान एवं व्यंजनों का स्वाद हजारों सिंधी समाज बंधुओं ने उठाया। आनंदोत्सव मेले में डांस फ्लोर भी बनाया गया था जहां उमंग और उत्साह के साथ लोकगीतों पर सामूहिक नृत्य कर सिंधी समाज बंधुओं ने समां बांधा। विशेष उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के बाद लोग अब घरों से निकलना शुरू हो गए हैं लिहाज़ा हजारों की भीड़ ने सिंधी व्यंजनों का लुफ्त उठाया।
भोरी- मालपुड़ो सहित कई स्टॉल रहे आकर्षण का केंद्र
सिंधी समाज के घरों में यूं तो सभी व्यंजन बनाए जाते है, लेकिन भोरी, मालपुुड़ो यह किसी खास मौके पर ही बनाया जाता है क्योंकि इस मिठास भरे व्यंजन को बनाने के लिए खासी मेहनत लगती है और यह शुद्ध घी से बनाया जाता है, लिहाजा यह खर्चिला भी है।
मात्र 10 रुपये में माल पुड़ो और भोरी का स्टॉल आनंदोत्सव फूड-फेस्टीवल में आकर्षण का केंद्र रहा इसके साथ ही खट्टे मीठे व्यंजनों के अनेक स्टालों को खासा प्रतिसाद मिला।
‘ सिंधियत जी सूंह ‘ 20 स्टाल-हर स्टॉल पर दर्जनों लजीज व्यंजन
‘ सिंधियत जी सूंह ‘ शीर्षक से सिंधी व्यंजनों की बगिया 20 क्षेत्रीय पंचायतों व स्वयंसेवी संस्था द्वारा लगाई गई।
छप्पन भोग ( जय झूलेलाल महिला समिति ) , सेयल भाजी ,बेसन की टिक्की,फुलको ( एक पहल-ऐसी भी ) , कढ़ी चावल और आलू कचालू चटनी (श्री बाबा गुरमुखदास सेवा समिति ) , शुद्ध देसी घी की भोरी और मालपुआ (बढ़ते कदम सिंधु सेवा समिति) , पल्ली-ढोढो ( मस्त कलंदर सेवा समिति ) माजून , हलवो , सतपुड़ो , लाद् वा ,मोंगी मिठाई , सेव की बर्फी , नारियल बर्फी , बूंदी के लड्डू , भूगल माओ ( सिंधी नवयुवक सेवा मंडल ) पनीर पकोड़ा,बी्ह पकोड़ा , मिरचाई पकोड़ा ( सिविल लाइन सिंधु परिवार ग्रुप ) , ठंडाई (थादल ) मावा कुल्फी , जीरा सोडा , आइसक्रीम , कैरी कोन ,मिनरल वाटर लस्सी- छांछ (सिंधु फ्रेंड्स ग्रुप ), सिंधी चिल्लो (सिंधी जनरल पंचायत युवा समिति ) , वेज सैंडविच (श्री आनंदपुर दरबार ) , सतपुड़ो खीर में ( श्री सिंधी मनिहारी पंचायत ), गुपचुप दही में (श्री श्रीनगर सिंधी पंचायत ), सन्हा पकोड़ा ऐं ब्रेड ( श्री रामनगर सिंधी पंचायत ), मीठी ब्रेड ओर ढ्बल छोला ( एक दिशा सेवा समिति ) सयूं ( सेवईं ) पटाटा ( श्री जागृति महिला मंडल ) , मिर्ची पकोड़ा दही में और बेसन के लड्डू ( यस ग्रुप, युवा एकता संगठन), चटनी – ढोढो ( श्री प्रेम प्रकाश आश्रम), दाल पकवान (श्री सिंधी सेवादारी मंडल) इस तरह आनंदोत्सव मेले में विभिन्न खानपान के स्टाल लगाए गए , सिंधी व्यंजनों का लुफ्त हजारों ने उठाया।
विशेष महत्व की बात यह है कि इन व्यंजनों को तैयार कर गरमा गर्म परोसा गया।
रवि आर्य