गोंदिया। न्यायाधीश के खिलाफ कथित रूप से निंदनीय और अनुचित व्यवहार को लेकर अदालत की अवमानना करने के लिए एक वकील को 90 रूपए का जुर्माना और 5 दिन की जेल की सजा सुनाते उस वकील को जेल भेज दिया गया है।
सोमवार 5 फरवरी को एक जमीन प्रकरण की सुनवाई थी इस दौरान पक्षकार के वकील एड. पराग तिवारी यह देरी से पहुंचे जिसपर मुख्य न्याय दंडाधिकारी अभिजीत कुलकर्णी ने पक्षकार को वकील बदलने की सलाह दी जिस पर एड .पराग तिवारी ने आपत्ति जताई जिसके बाद न्यायमूर्ति कुलकर्णी और एडवोकेट पराग तिवारी के बीच शाब्दिक वाद हुआ।
कोर्ट ने वकील को बिना शर्त माफी मांगने का मौका दिया हालांकि वकील ने अदालत से कहा वह अपनी टिप्पणी पर कायम है और फाइन ( 90 रूपए जुर्माना ) नहीं भरेगा इसके बाद अदालत ने माना कि न्यायाधीशों की निंदा न्याय प्रशासन को प्रभावित कर सकती है क्योंकि यह सार्वजनिक शरारत का एक रूप बन जाता है लिहाज़ा कोर्ट ने अवमानना के मामले में वकील पराग तिवारी की सजा को 10 दिन से घटाकर 5 दिन की अवधि तथा 90 रूपए जुर्माना तक कर दिया और अधिवक्ता पराग तिवारी को वहां से तत्काल हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
अदालत की अवमानना के मामले में किसी वकील को जेल भेजे जाने का संभवत यह गोंदिया का पहला मामला है।
रवि आर्य