Published On : Thu, Mar 5th, 2020

गोंदियाः झूठी शान बचाने के खातिर कत्ल

गोंदिया : एक ही गांव के एक ही मोहल्ले में रहनेवाले लड़के और लड़की के बीच परस्पर दोस्ती होना सामान्य है। जान पहचान होने पर लड़के और लड़की के बीच आपसी बातचीत होना भी सहज बात है लेकिन लड़के के साथ लड़की दिखी तो पिता की खोपड़ी ठनक गई और उसने अपने लड़की के दोस्त का बेरहमी से कत्ल कर उसकी धारदार कुल्हाड़ी से जुबान तक काट ली।

इन्सानीयत को शर्मसार और दिल दहला देने वाली यह घटना गोंदिया तहसील के ग्राम मोरवाही में ३ मार्च शाम ५ बजे घटित हुई। ग्राम निवासी अतुल अशोक तरोणे (१७) यह ११ वीं कक्षा में अध्ययनरित है तथा इसके १० वीं के २ विषय पेपर अटके थे, घटना के दिन मराठी विषय का पर्चा छुड़ाने के बाद वह ग्राम मोरवाही की ओर लौट रहा था, इसी दौरान उसके सिर और मुंह पर धारदार शस्त्र से हमला करते हुए गंभीर जख्मी अवस्था में उसे फेंक दिया गया। मुर्छित अवस्था में उसे जिला केटीएस अस्पताल लाया गया, इलाज के दौरान देर रात उसने दम तोड़ दिया।

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मृतक की जुबान का एक हिस्सा कटा हुआ था, जिससे संदेह उत्पन्न हुआ कि, हमलावर कोई परिचित रहा होगा? जिसके मन में यह डर होगा कि अगर इसने जुबान खोली तो राज बेपर्दा हो जायेगा। लिहाजा पुलिस ने इसी दिशा में ३ टीमें तैयार कर जांच शुरू की।

गांव के लोगों से पूछताछ करने के बाद सुराग तलाशते हुए पुलिस ने ४ मार्च के शाम ५ बजे मोरवाही के एक मकान पर दबिश देते हुए सेवकराम गुरबेले (४५) को अपने कब्जे में ले लिया। शुरूवाती पूछताछ में वह पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन उसे जब वर्दी का रौब दिखाकर अपने स्टाइल में पूछताछ की गई तो वह तोते की तरह बोलने लगा।

अपना जुर्म कबूल करते हुए उसने बताया, अतुल तरोणे के उसकी बेटी के साथ प्रेम संबंध है, इस बात का उसे शक था, इसलिए उसने झूठी शान के खातिर अतुल नाम का कांटा निकालने की ठान ली और वारदात को अंजाम दिया।

२४ घंटे में हत्या की गुत्थी सुलझी

जिला पुलिस अधीक्षक मंगेश शिंदे, अप्पर पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी के मार्गदर्शन तथा उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रशांत ढोले के नेतृत्व में तीन टीनों ने हिस्सा लिया, जिनमें ग्रामीण थाना प्रभारी प्रदीप अतुलकर, सापोनि. अभिजीत भुजबल, रमेश गर्जे, दिलीप कुंदोजवार, पो.उपनि. रोहिदास भोर, उमेश गुटाड़, बाबू मेंढे, पुलिस कर्मचारी लिलेंद्र बैस, गोपाल कापगते, सुरेश वंजारी, सुखदेव राऊत, चंद्रकांत करपे, जितेंद्र मिश्रा, मिल्कीराम पटले, सुनिल गोस्वामी, भुवनलाल देशमुख, जितेंद्र डिब्बे, मधुकर कृपाण, चित्तरंजन कोड़ापे, दिक्षीत दमाहे, संजय मारवाड़े, धनंजय शेंडे, मोहन शेंडे, विनोद बरैया, प्रभाकर पालांदुरकर, देवानंद पारधी, नेवालाल भेलावे, रेखलाल गौतम, अमित नेवारे, राकेश इंदुरकर, किशोर शरणागत, अजय रहांगडाले, जीवन जाधव, रूपेश कटरे, दिपक ढोले, शरद चव्हाण, महिला कर्मचारी भाविका टेंभुर्णे, वाहन चालक सोमन लांजेवार, विनोद गौतम, ओमकार गौतम आदि ने अथक प्रयास करते हुए २४ घंटे में मर्डर केस की गुत्थी सुलझाकर आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

रवि आर्य

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