खरबंदा बांध पर खोज एवं बचाव प्रशिक्षण दल का मॉक ड्रिल
गोंदिया: कोई भी प्राकृतिक आपदा कभी बता कर नहीं आती और ना ही इसके आने का कोई समय ही निर्धारित होता है। आपदा कभी भी और किसी भी वक्त आ सकती है। आपदा का स्वरूप छोटा हो या बड़ा, इसका पूर्व नियोजन करना आवश्यक है। आपदा आने की स्थिति में किसी भी तरह के जान मालकीयत की क्षति न हो इसके लिए पहले से ही योजनाबद्ध तरीके से सुरक्षा के उपाय किए जाने चाहिए।
जन जागृति और सतर्कता से बाढ़ को मात
प्रशिक्षण व जनजागृति यह आपदा व्यवस्थापन के दो पहलू है। आपदा के मुश्किल वक्त में जनजागृति और सतर्कता इन दो हथियारों का उपयोग करके बाढ़ की स्थिति और कोरोना पर मात दी जा सकती है, कुछ एैसे उद्गार कलेक्टर डॉ. कांदबरी बलकवड़े ने 4 जून को जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बाढ़ परिस्थिति पर खोज एंव बचाव प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्यक्त किए।
जिलाधिकारी ने आगे कहा- इस वर्ष जिला प्रशासन के सामने दो प्रमुख चुनौतियां है- कोरोना संक्रमण और बाढ़… इन दोनों समस्याओं से निपटने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को सतर्कता से काम करना चाहिए।
खोज व बचाव अभियान में जिला आपदा प्रबंधन टीम को भविष्य में आने वाली आपदाओं से निपटने के लिए राज्य आपदा प्रतिसाद दल द्वारा दिए गए प्रात्याक्षिक प्रशिक्षण का प्रभावी रूप से उपयोग करने की आवश्यकता है।
गत साल की तुलना इस वर्ष जिले के जलाशयों, बांधों व अन्य नदी-तालाबों का जलस्तर अधिक बढ़ा हुआ है, इसलिए बाढ़ की स्थिति का सुक्ष्म नियोजन करना जरूरी है तथा जिले के नदी-तालाब के किनारे पर बसे गांवों के नागरिकों को सर्तक किया जाना चाहिए तद्हेतु नियुक्त किए गए क्षेत्र अधिकारियों को मुख्यालय में ही रहकर बाढ़ की स्थिति के बारे में वरिष्ठों को तुरंत सूचित करना होगा।
नागरिकों में प्रशिक्षण व जनजागृति की कमी के कारण आपदा के वक्त नुकसान का प्रमाण बढ़ जाता है इसलिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देकर उनमें जनजागृति किए जाने से वे गांव के नागरिकों में आपदा के प्रति जागरूकता लाने में अहम भूमिका निभा सकते है जिससे जीव व वित्तीय हानि को कम करने में काफी हद तक मदद मिलेगी।
बांध से पानी छोड़ने की पूर्व सूचना साझा करने पर जोर
इस अवसर पर राज्य आपदा दल के टीम कमांडर कराडे ने कहा- एक सजग नागरिक ही एक सुरक्षित नागरिक है। उन्होंने बाढ़ के प्रकार, बाढ़ के कारण, बांध से पानी छोड़ने की पूर्व सूचना, मौसम विभाग के पूर्वानुमान आदि के बारे में विस्तृत जानकारी देते खोज एंव बचाव कार्यों के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी अवगत कराया। साथ ही घरेलु कचरे से फ्लोटींग डिवाइस तैयार कर प्रात्याक्षिक भी कर दिखाया।
बैठक में अपर जिलाधिकारी राजेश खवले, निवासी उपजिलाधिकारी स्मिता बेलपत्रे, राज्य आपदा दल नागपुर टुकड़ी क्र. 1 के टीम कमांडर सहायक समादेश सुरेश कराडे, राज्य आपदा प्रतिसाद दल नागपुर के पुलिस उपनिरीक्षक अजय कालसरपे, गोंदिया तहसीलदार राजेश भंडारकर, जिला आपदा व्यवस्थापन अधिकारी राजन चौबे, अग्निशामन अधिकारी लोकचंद भेंडारकर, जिला शोध व बचाव पथक प्रमुख किशोर टेंभुर्णे आदि उपस्थित थे।
डूबते को सलामत निकालने का प्रात्याक्षिक प्रयोग दिखाया
इस अवसर पर गोंदिया तहसील के खडबंदा जलाशय में अतिवृष्टि से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति से निपटने हेतु बचाव दल को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान प्राकृतिक आपदा से बाधितों को सहायता उपलब्ध कराने के दृष्टि से उन्हें पानी में तैरना, पानी में डूब रहे व्यक्ति को सही सलामत बाहर निकालना तथा बाढ़ से घिरे नागरिकों को सकुशल कैसे बचाया जाए? आदि का प्रात्याक्षिक प्रयोग कर दिखाया गया।
इस प्रशिक्षण में जिला आपदा व्यवस्थापन प्राधीकरण के शोध व बचाव दल, अग्निशमन विभाग के अधिकारी छबीलाल पटले व कर्मचारी सहित इंडियन रेडक्रास सोसायटी के सदस्य आशिष चौहान, नैसर्गिक आपदा व्यवस्थापन शाखा के दिपक परिहार, महेश वंजारी, यादव फरकुंडे आदि ने हिस्सा लिया।
रवि आर्य