Published On : Wed, Jul 26th, 2023
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया: ऑनलाइन गेम के बहाने दुबई से फर्जी खेल

सोंटू जैन की बढ़ी मुश्किलें , फर्जी ऑनलाइन गेमिंग के जरिए अर्जित करोड़ों की ब्लैक मनी को डिजिटल क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया जाता था , देश से लेकर दुबई तक जुड़े हैं दर्जनों बैंक अकाउंट्स के पैसों के हेराफेरी के तार

गोंदिया। गोंदिया जिले में ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में फर्जी खेल शुरू होने का खुलासा होने के बाद अब नागपुर क्राइम ब्रांच और साइबर विभाग की स्पेशल टीम मनी लांड्रिंग के ऐंगल से भी सोंटू जैन के मामले की जांच कर रही है इतना ही नहीं 58 करोड़ 42 लाख की ठगी के आरोप में फरार अनंत उर्फ सोंटू जैन के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार – फर्जी गेमिंग वेबसाइट के जरिए नागपुर , गोंदिया , रायपुर जैसे शहरों के लोगों को झांसा देकर उन्हें करोड़ों की ठगी का शिकार बनाया गया है।

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फर्जी गेम के माध्यम से नागपुर निवासी उद्योगपति के बेटे से 58 करोड़ 42 लाख ठगने के आरोप में फरार चल रहे सोंटू जैन के दर्जनों बैंक अकाउंट्स के पैसों की हेराफेरी के तार देश के बाहर दुबई सहित अन्य कुछ देशों से जुड़े हैं ।

कुछ अवैध और फर्जी ऑनलाइन गेमिंग की लिंक बनाकर , ऑनलाइन गेम खेलने वालों का यूज़र आईडी बनाकर रजिस्ट्रेशन के नाम पर उससे पैसे बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर करवाकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जाता है , इस तरह के फर्जी ऑनलाइन गेमिंग के शिकार पहले भी गोंदिया जिले के कई युवा हो चुके हैं ‌ पुलिस सूत्रों की मानें तो सोंटू जैन के कई बैंक खातों की उन्हें जानकारी मिली है , खातों के स्टेटमेंट की पड़ताल से मनी लांड्रिंग की भी संभावना है साइबर क्राइम की स्पेशल टीम मामले की जांच कर रही है।

बिना कुछ किए लाखों कमाने का लालच देकर बनाया ठगी का शिकार

जालसाजी का जाल बुनकर एक षड्यंत्र के तहत फर्जी गेमिंग वेबसाइट और ऐप के जरिए लोगों को झांसा देकर उन्हें करोड़ों की ठगी का शिकार बनाया गया है।

सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को गेमिंग वेबसाइट के बारे में बताया जाता था फिर गेम खेलने के इच्छुकों की आईडी खुलवाई जाती थी , इसके बाद कस्टमर को अपनी पसंदीदा वेबसाइट चुनने की अनुमति होती थी।

वेबसाइट चुनने के बाद क्रिकेट , तीन पत्ती , कैसीनो आदि गेम पर पैसा लगाने के बाद शुरुआत में हारे हुए लोगों को भी जीता हुआ दिखाकर उनके द्वारा दांव पर लगाई गई छोटी रकम को बढ़ाकर कुछ अधिक पैसे भेज दिए जाते थे ताकि उसका भरोसा बना रहे ।

जैसे ही कोई कस्टमर लाखों में रुपए या अधिक कैश लगाता था तो उसकी आईडी में एरर दिखाकर ब्लॉक कर उसके पैसों को ले लिया जाता था।
धोखे से लिए गए इन पैसों को अलग-अलग अकाउंट में डाल दिया जाता था , कई अवसरों पर फर्जी ऑनलाइन गेमिंग के जरिए करोड़ों रुपए के ब्लैक मनी को डिजिटल ( क्रिप्टो करेंसी ) में भी बदल दिया जाता था।

इन सबों के लिए दुबई में बैठा शख्स शहरों में हेड बनाकर उन्हें 22 दिनों की दुबई बुलाकर ट्रेनिंग भी देता था ताकि वह कस्टमर को अपने जाल में अच्छे से फांस सकें।

बता दें कि फर्जी ऑनलाइन गेमिंग से उत्पन्न करोड़ों की आय को येलरिंग और ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल किए जा रहे फ़र्मों के खातों से लेकर अब रियल एस्टेट कारोबार में लगे करोड़ों रुपए की भी ईडी और साइबर विभाग ने जांच शुरू कर दी है।

कुल मिलाकर सोंटू जैन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है फिलहाल वह फरारी दौरान दुबई में है या किसी अन्य शहर में ? इस बारे में सही और सटीक जानकारी हासिल कर साइबर विभाग उसे प्रत्यर्पण संधि के तहत डिपोट करने की प्रक्रिया में जुट गया है।

समझा जाता है कि सोंटू जैन की गिरफ्तारी के बाद उसके मुंह खोलने से कई सफेदपोशों के चेहरे बेनकाब हो सकते हैं ?

रवि आर्य

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