स्पष्ट बहुमत से एक कदम दूर भाजपा ने 2 निर्दलीयों से साधा संवाद
गोंदिया जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव परिणाम घोषित हो चुके हैं।
53 में से 26 सीटें जीतकर भाजपा जहां सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है वही कांग्रेस ने 13, राष्ट्रवादी ने 8 , चाबी संगठन ने 4 और 2 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है।
खंडित जनादेश की वजह से अभी भी यह रहस्य बना हुआ है कि मिनी मंत्रालय के नाम से प्रसिद्ध गोंदिया जिला परिषद की सत्ता पर कौन काबिज़ होगा ? क्योंकि भाजपा स्पष्ट बहुमत से एक कदम दूर है अंततः ऐसी किसी संभावना या गठजोड़ से इनकार नहीं किया जा सकता ?
हालांकि यह अटकलें जारी है कि चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा के रणनीतिकारों ने अर्जुनी मोरगांव के इटखेड़ा जिला परिषद क्षेत्र से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार जीते पूर्णिमा ढ़ेगे तथा नागरा जिला परिषद क्षेत्र से बतौर निर्दलीय चुनाव जीते रूपेश (सोनू) रमेशभाऊ कुथे को अपने पाले में लाने की पहल शुरू कर दी है , सत्ता पर काबिज होने में वह भाजपा की मदद करेंगे ? इस पर क्या और कैसी डील होगी ? यह भी रहस्य है।
वैसे भाजपा के रणनीतिकारों ने समान सोच रखने वाले चाबी संगठन के विधायक विनोद अग्रवाल के साथ भी तालमेल बिठाने के प्रयास शुरू किए हैं लेकिन इस अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन को लेकर कोई भी खुलकर सामने , ना अपनी राय रखा है ना ही मीडिया को अवगत करा रहा।
भाजपा और कांग्रेस के मास्टर स्ट्रोक से लड़खड़ाई राष्ट्रवादी , 3 तहसीलों में शुन्य
राष्ट्रवादी कांग्रेस 2015 के जिला परिषद चुनाव में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी और उसे 20 सीटें हासिल हुई थी वहीं इस बार वह 8 सीटों पर सिमट गई है।
भाजपा और कांग्रेस के मास्टर स्ट्रोक से लड़खड़ाई राष्ट्रवादी कांग्रेस गोरेगांव , देवरी तथा सालेकसा तहसील में अपना खाता भी नहीं खोल पाई और यहां से उसे शुन्य नसीब हुआ।
जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनावी दंगल में इस बार बड़े-बड़े सूरमा धराशाही हो गए और बड़े नामों और तमगों के साथ उतरे इन राष्ट्रवादी कांग्रेस के सियासी दिग्गजों को जनता ने धूल चटा दी।
पंचायत समिति चुनाव में भी राष्ट्रवादी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा उसे 106 सीटों में से महज 13 सीटें नसीब हुई है वहीं भाजपा को 57 , कांग्रेस 20 , चाबी संगठन को 10 तथा निर्दलीय के खाते में 6 सीटें गई।
जनता ने नए चेहरों पर जताया विश्वास
स्थानीय निकाय चुनावों में जहां नए चेहरों पर जनता ने विश्वास जताया है वहीं पुराने व दिग्गज नेताओं को नापसंद करते हुए बड़े अंतर से चुनाव हराकर वोटर ने उन्हें धूल चटा दी है।
इस चुनाव में कई बड़े उलटफेर हुए गोंदिया -भंडारा जिले की राजनीति का केंद्र बिंदु माने जाने वाले राकांपा नेता व सांसद प्रफुल्ल पटेल को अपने गृह क्षेत्र गोंदिया में भाजपा ओर चाबी संगठन से तगड़ा झटका लगा है।
जबकि भगवा दल भाजपा के नए चेहरों पर जनता ने अपनी स्वीकृति की मोहर लगाई है।
सड़क अर्जुनी तहसील के डव्वा जिला परिषद क्षेत्र से दो बार प्रतिनिधित्व करने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष गंगाधर परशुरामकर यह भाजपा के उम्मीदवार डॉ भुमेश्वर पटले से चुनाव हार गए।
कभी राष्ट्रवादी कांग्रेस का विधायक चेहरा रही तिरोड़ा तहसील के सेजगांव जिला परिषद क्षेत्र की महिला नेत्री तथा राष्ट्रवादी महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष राजलक्ष्मी तुरकर यह चुनावी दंगल में तीसरे क्रमांक पर रही।
भाजपा के पवन पटेल विजयी हुए तथा कांग्रेस के ओमप्रकाश राधेलाल पटले दूसरे क्रमांक पर रहे।
भाजपा के जिला अध्यक्ष केशवराव मानकर के सुपुत्र हरिहर मानकर
आमगांव के गोरठा जिला परिषद क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं , इस सीट पर कांग्रेस की छब्बुताई ऊके चुनाव जीती।
गोरेगांव तहसील के सोनी जिला परिषद क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी पंकज सोनवाने चुनाव जीत गए हैं उन्होंने कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश सचिव पी.जी कटरे को चुनाव हराया है।
भाजपा ने टिकट वितरण की जिम्मेदारी पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल को सौंपी थी उन्होंने नागरा जिला परिषद क्षेत्र से अपनी ही पार्टी के पूर्व विधायक रहे रमेशभाऊ कुथे के सुपुत्र सोनु का टिकट काट दिया।
बतौर निर्दलीय उम्मीदवार रूपेश (सोनू) रमेशभाऊ कुथे ने इस नागरा सीट पर धमाकेदार जीत दर्ज करते हुए भाजपा उम्मीदवार को धूल चटा दी।
विशेष उल्लेखनीय है कि पंचायत समिति गोंदिया में भी किसी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है 28 में से भाजपा ने 10 सीटें हासिल की हैं वहीं निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल के चाबी संगठन की झोली में 10 सीटें चली गई।
कुल मिलाकर दिग्गज नेता धराशाही हुए हैं और जनता ने नए चेहरों को मौका दिया है।
-रवि आर्य