महाराष्ट्र में 1979 के सेवा शर्त नियमों में संशोधन करके अधिकारियों और कर्मचारियों के आचरण के संबंध में बहुत उपयुक्त नियम बनाए जाएंगे और इन नियमों को सेवा की शर्तों का हिस्सा बनाया जाएगा इस संबंध में एक जीआर ( अध्यादेश ) भी जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि किसी भी परिस्थिति में अनियंत्रित व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि विधायक डॉ. परिणय फुके ने लक्ष्यवेधी प्रश्न के माध्यम से इस बारे में सवाल उठाया था ?
अनियंत्रित व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
विधायक डॉ. परिणय फुके ने आज विधान परिषद के समक्ष सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की सोशल मीडिया पर बढ़ती सक्रियता की ओर ध्यान दिलाया कि रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड की जाती हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से यह छवि बनाई गई है कि जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक या पुलिस इंस्पेक्टर पूरे क्षेत्र के सभी मामलों की देखरेख करते हैं वे ही राज्य के मामलों को चलाते हैं और इसी तरह वीडियो और पोस्ट अपलोड किए जाते हैं।
अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है इसके लिए सख्त नियम और उनका क्रियान्वयन जरूरी है, यह बात का विधायक डॉ. परिणय फुके ने ध्यान आकर्षित किया।
विधायक डॉ. परिणय फुके ने इससे पहले दिसंबर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखा था। आज उन्होंने विधान परिषद सदन का ध्यान इस मुद्दे की ओर आकर्षित किया।
अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा बनाई गई रील्स से सरकार की होती है बदनामी
महाराष्ट्र सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत पिछले तीन वर्षों में कितने कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है? इसके अलावा, अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा बनाई गई रीलें अक्सर सरकार की बदनामी भी कराती हैं।
इसलिए उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार इस पर नियंत्रण के लिए नया कानून बनाएगी या मौजूदा कानून में संशोधन करेगी।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने 1979 में वर्तमान सेवा नियम बनाये थे उस समय सोशल मीडिया नहीं था। इसलिए, नियम मौजूदा मीडिया के अनुरूप थे।
सरकार के खिलाफ पोस्ट , खुद का महिमा मंडल !
डॉ. परिणय फुके ने बहुत बढ़िया सवाल पूछा है और कई जगह सरकारी कर्मचारी सरकार के खिलाफ पोस्ट करते हैं , वे अपने कर्तव्य का महिमामंडन करते प्रतीत होते हैं। इसलिए कुछ नियम आवश्यक हैं। सरकार जनता से जुड़ने तथा नागरिक सहभागिता के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को बढ़ाने की आशा करती है लेकिन ऐसा होता हुआ प्रतीत नहीं हो रहा है।
अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग का अध्ययन करने पर पता चला कि गुजरात और जम्मू-कश्मीर सरकारों ने इसके लिए अच्छे नियम बनाए हैं। इसके अलावा लाल बहादुर शास्त्री अकादमी ने बहुत सख्त नियम बनाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में भी जल्द ही इसमें सुधार किया जाएगा।
रवि आर्य