गोंदिया। कार से टक्कर का मामला गहराता जा रहा है। मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा लेकेश्वर भरतलाल भक्तवर्ती की याचिका पर (1 ) सरकार , ( 2 ) श्री शशिकांत धपाटे मजिस्ट्रेट ( 3 ) जिला पुलिस अधीक्षक गोंदिया इन्हें 2 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।
मामला कुछ यूं है कि .. 11 मई 2023 को सुबह 10:00 बजे अतिरिक्त न्याय दंडाधिकारी गोंदिया शशिकांत धपाटे द्वारा उनके कार क्रमांक MH 23 /AD 2256 से अपघात होकर लेकेश्वर , उसकी पत्नी और छोटे बच्चे को चोटें आई , साथ ही सड़क से पैदल जा रहे हैं प्रशिक मेश्राम ( 24 , निवासी गोरठा) नामक युवक की दर्दनाक मौत हो गई थी।
लेकेश्वर ने 12 मई को माननीय सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस श्री चंद्रचूड़ , उच्च न्यायालय तथा प्रधान न्यायाधीश गोंदिया को लिखित अर्जी देकर मामले की निष्पक्ष जांच करने की गुहार लगाई है।
कुछ नहीं होता देख.. लेकेश्वर वक्तवर्ती ने 22 मई 2023 को उच्च न्यायालय में क्रिमिनल याचिका क्रमांक 460/23 दाखिल की है।
दिनांक 18 जुलाई 2023 को उच्च न्यायालय नागपुर खंडपीठ के माननीय जस्टिस श्री विनय जोशी एवं जस्टिस श्री वाल्मीकि मेंझेस की डिवीजन बेंच के सामने अधिवक्ता दीपक धर्माधिकारी और एड. रविंद्र पांडे के जिरह के बाद हाईकोर्ट ने प्रतिवादीयों को 2 हफ्ते के भीतर जवाब तलब किया है।
उल्लेखनीय है कि शशिकांत संभाजीराव धपाटे (मजिस्ट्रेट ) ने आमगांव थाने में फरियाद की है कि 11 मई 2023 के सुबह 10:00 बजे स्वामी विवेकानंद हाई स्कूल रिसामा निकट , हीरो पैशन प्रो बाइक क्रमांक CG 04/ KW 8871 के आरोपी चालक लेकेश्वर ने उनकी कार को टक्कर दे मारी जिसमें फरियादी और साथी इस्माईल पठान जख्मी हो गए तथा कार की टूट-फूट होने से नुकसान हुआ है , आमगांव पुलिस ने मजिस्ट्रेट की शिकायत पर लेकेश्वर के खिलाफ धारा 279 , 337 , 427 सह कलम 184 मोटर वाहन कायदा का जुर्म दर्ज किया है।
इसी प्रकरण को लेकर लेकेश्वर भक्तवर्ती ने अपराध क्रमांक 150/ 23 को रद्द करने की मांग दायर याचिका के माध्यम से की है।
याचिकाकर्ता की शिकायत है कि पुलिस , मजिस्ट्रेट के दबाव के आगे झुक गई है , और याचिकाकर्ता का मानना है कि प्रासंगिक समय पर वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहा था उसी वक्त हमलावर कार जो प्रतिवादी ( अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश ) यह लापरवाही पूर्वक तेज रफ्तार चलाया, कार ने पहले पैदल यात्री ( प्रशिक मेश्राम ) को टक्कर मारी और फिर याचिकाकर्ता की मोटरसाइकिल CG 04 / KW 8871 को जोरदार टक्कर दे मारी जिससे गंभीर अवस्था में जख्मी प्रशिक मेश्राम की अस्पताल में मृत्यु हो गई जबकि याचिकाकर्ता और उसकी पत्नी तथा बच्चे को चोटें आई तथा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया ।
इसी बीच प्रतिवादी कार चालक ( मजिस्ट्रेट ) यह आमगांव पुलिस स्टेशन गया और झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई है और आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता की तेज गति और लापरवाही से बाइक चलाने के कारण उक्त दुर्घटना हुई।
प्रस्तुत जिरह में कहा गया कि …प्रतिवादी (मजिस्ट्रेट ) ने पुलिस को पूरी तरह से विकृत बयान दिया और साथ ही पैदल यात्री प्राशिक मेश्राम की मौत के तथ्यों को भी छुपाया।
याचिकाकर्ता का मानना है कि जांच सही तरीके से नहीं की गई है।
मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस वास्तविक तथ्यों को दबा रही है और यह गंभीर मामला है।
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि संबंधित स्थानों ( सड़क मार्ग किनारे) पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे , अधिकांश तथ्य रिकॉर्ड का विषय है क्योंकि इस दुर्घटना में एक युवक की मृत्यु हो गई है और उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध है।
लिहाज़ा इस मामले को लेकर अब हाईकोर्ट ने पुलिस को मर्ग ( आकस्मिक मौत ) जांच के कागजात पेश करने के आदेश दिए हैं साथ ही पुलिस तुरंत सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करे यह भी आदेश जारी करते हुए याचिकाकर्ता के खिलाफ अगले आदेश तक आरोप पत्र दाखिल नहीं करने का हुक्म सुनाया है।
बताते चलें कि इस मामले को लेकर लेकर लेकेश्वर ने सूचना के अधिकार।
अनुसार जानकारी हासिल करने की अर्जी दी है परंतु माहिती नहीं दी गई है।
उसी तरह आमगांव पुलिस स्टेशन के उप निरीक्षक ने 25 मई 2023 को लेकेश्वर भक्तवर्ती इन्हें कलम 41 के फौजदारी संहिता के तहत नोटिस जारी करते लेकेश्वर को 12 मई के सुबह 11:00 बजे आमगांव पुलिस स्टेशन के समक्ष हाजिर रहने बाबत निर्देश दिया है , लेकेश्वर को यह समझ नहीं आ रहा कि 12 मई को आमगांव पुलिस स्टेशन में हाजिर होने बाबत सूचना 25 मई को पुलिस कैसे दे रही है ? क्या वजह है कि पुलिस ने ऐसा नोटिस दिया है , यह प्रश्न बार-बार पूछा जा रहा है।
रवि आर्य