गोंदिया। शहर में जानलेवा होर्डिंग का कारोबार लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने लगा है , हादसे के बाद एक्शन के तमाम दावे किए जाते हैं लेकिन कुछ समय बाद कार्रवाई ठहर जाती है और सरकारी विभाग भी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
गोंदिया शहर में जिधर देखो उधर अवैध होर्डिंग पोस्टर का मकड़जाल फैला हुआ है यहां नियम कायदे-कानूनों को दरकिनार करते हुए विद्युत पोल पर भी शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग क्लासेस, नेताओं और कार्यकर्ताओं की होर्डिंग टांग दी जाती है , मानसून की भारी बारिश आंधी तूफान के कारण होर्डिंग गिरने का खतरा बढ़ गया है , कई मर्तबा यह होर्डिंग सड़क पर धराशाही होकर गिरने से राहगीर नागरिकों के जख्मी होने का सबब बन चुकी है।
किसी की जान गई और उनकी अदा ठहरी
ताजा मामला शहर के सिविल लाइन इलाके के हनुमान चौक निकट स्थित चौपाटी परिसर से सामने आया है । यहां इलेक्ट्रिक पोल पर लोहे की फ्रेम के सहारे टंगायी गई होर्डिंग एक युवक के अकाल मृत्यु का कारण बन गई। बताया जाता है कि, छोटा गोंदिया इलाके का निवासी आकाश नागरिकर नामक मजदूर युवक यह हनुमान चौक चौपाटी के निकट इलेक्ट्रिक पोल पर टंगी होर्डिंग निकालने हेतु 18 जून मंगलवार रात तकरीबन 11 बजे पहुंचा था।
होर्डिंग निकालते समय अचानक बड़ी होर्डिंग के लोहे के फ्रेम का एक हिस्सा विद्युत प्रवाहित तारों से जा टकराया और युवक करंट की चपेट में आ गया तथा शॉक लगने से वह झूलस गया जिसपर तत्काल उसे जिला केटीएस अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने आकाश नागरिकर नामक 25 वर्षीय युवक को मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद अवैध होर्डिंग का मुद्दा एक बार फिर गर्मा गया है।
इस घटना के लिए नगर परिषद प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जिसकी अनदेखी के कारण विद्युत पोलों पर टंगायी जा रही अवैध होर्डिंगों के चलते शहर में हादसे घटित हो रहे है।
क्योंकि युवक को करंट में अपनी जान गंवानी पड़ी, इसलिए क्षेत्र के नागरिकों व मृतक के परिजनों की ओर से होर्डिंग लगाने वाली एजेंसी, होर्डिंग प्रिंटर और मामले की अनदेखी करने वाले न.प. प्रशासन के खिलाफ धारा 304 गैरइरादत्तन हत्या तथा भारतीय दंड संहिता के अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में 10 लाख का मुआवजा देने की मांग की जा रही है।
विद्युत पोल पर होर्डिंग लगाना गैरकानूनी और संगीन अपराध
बता दें कि विद्युत पोल पर होर्डिंग लगाना गैरकानूनी और संगीन अपराध है बावजूद इसके लोहे के फ्रेम पर होर्डिंग कसकर विद्युत पोल पर टंगा दी जाती है , शहर में टांगी गई कोचिंग क्लासेस की 90% से अधिक होर्डिंग अवैध है जिसकी अनुमति नगर परिषद से नहीं ली जाती, लेकिन नगर परिषद प्रशासन और विद्युत विभाग के अधिकारी इन कोचिंग क्लासेस संचालकों और नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करते नतीजतन आए दिन हादसे घटित होते हैं , इसी मुद्दे को लेकर गोंदिया विधानसभा ग्रुप के अनेक सदस्य आज नगर परिषद मुख्य अधिकारी से मिलने पहुंचे जहां उन्होंने कार्यालय में ठिय्या आंदोलन ( धरना लगाया ) और अवैध होर्डिंग पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज किए जाने की मांग की ।
अब देखना दिलचस्प होगा अवैध हार्डिंग पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ नगर परिषद प्रशासन और जिला पुलिस विभाग किस प्रकार का एक्शन लेता है या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं ?
रवि आर्य