Published On : Sat, Feb 11th, 2023
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया: बढ़ती नाराज़गी- बदलता राजनीतिक व्यवहार , क्या बीजेपी में शामिल होंगे प्रफुल पटेल?

सरकार जाने के बाद राकंपा संगठन में है भारी कशमकश, सांसदों और विधायकों के व्यवहार पर है भाजपा दिग्गजों की नज़र
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गोंदिया। महाराष्ट्र की सियासी जमीन पर गत 3 वर्षों से उथल-पुथल रही है , रातों रात सरकारों का बनना और गिरना यह सब कुछ राज्य की जनता ने देखा है।

शिवसेना (उद्धव ठाकरे ), एनसीपी हो या कांग्रेस यह पार्टियां आंतरिक खींचतान से अछूते नहीं हैं।

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भाजपा आलाकमान के दिग्गज नेता इन पार्टियों के असंतुष्ट सांसदों और विधायकों को बारीकी से देख रहे हैं तथा 2024 के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं।

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि 9 फरवरी के कार्यक्रम में भाजपा के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गोंदिया पहुंचना और एनसीपी नेता प्रफुल पटेल के साथ मंच साझा करना तथा दोनों नेताओं के बीच मंच से जुगलबंदी होना क्या यह राजनीतिक स्क्रिप्ट, दिल्ली में बैठे भाजपा आलाकमान से परमिशन लेकर पहले से लिखी गई।

स्व. मनोहरभाई पटेल की जयंती समारोह के बाद गोंदिया भंडारा जिले में अटकलों का बाजार तेजी से गर्म है कि क्या प्रफुल पटेल बीजेपी में शामिल होंगे?

बता दें कि वरिष्ठ संपादक विजय दर्डा ने 9 फरवरी को दोनों नेताओं के एक मंच पर होने पर चुटकी लेते हुए कहा था- देवेंद्र फडणवीस जहां जाते हैं वहां से कुछ तो भी लेकर जाते हैं अब इस कार्यक्रम में पहुंचे हैं तो भाईजी को बीजेपी में लेकर जाने की तैयारी तो नहीं है ना ?

प्रफुल पटेल बीजेपी में शामिल हुए तो महाराष्ट्र में गेम चेंज!

जिस तरह से खबरें सामने आ रही है उससे साफ संकेत मिलते हैं कि एनसीपी में बड़े कद के नेता कहे जाने वाले प्रफुल्ल पटेल की नज़दीकियां भाजपा से बेहद करीब हो चली है।

जग जाहिर है कि प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के एक बड़े नेता हैं और 2024 के चुनाव से पहले अगर वह एनसीपी छोड़ बीजेपी में आते हैं तो भाजपा के लिए महाराष्ट्र में एक गेम चेंज हो सकता है और चूंकि जिस तरीके से एनसीपी ( महाराष्ट्र विकास आघाड़ी ) की सरकार जाने के बाद राकांपा संगठन में कशमकश है और कई खबरें सामने आ रही है कि मविआ के 20 विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं जिसमें एनसीपी के विधायक भी हैं।

ऐसे में शिवसेना का साथ छूटने के बाद प्रफुल्ल पटेल की भाजपा से बढ़ती नजदीकियां यह 2024 चुनाव से पूर्व भाजपा के लिए राहत की खबर जरूर होगी अगर प्रफुल पटेल बीजेपी में शामिल होते हैं।

ईडी के मामलों में घिरे प्रफुल पटेल को चाहिए सहारा ?

गौरतलब है कि प्रफुल्ल पटेल एक अनुभवी नेता हैं और शरद पवार के बेहद करीबी हैं और कहीं ना कहीं उनकी देश के दिग्गज उद्योगपतियों से भी नज़दीकियां है।

बताया जाता है कि राकांपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा कई गुटों में पार्टी बट चुकी है ऐसे में वरिष्ठ नेताओं को सुना नहीं जा रहा हालांकि प्रफुल्ल पटेल पिछले कुछ समय से ईडी के मामलों में भी घिरे हुए हैं तथा उन्हें ईडी ने मुंबई के वर्ली स्थिति सीजे हाउस इमारत का ऊपरी फ्लोर खाली करने का नोटिस जारी किया है लिहाज़ा वे इन परेशानियों से बचने के लिए महाराष्ट्र के बीजेपी के नेताओं के संपर्क में हैं , ऐसे में आगामी महानगर पालिका , नगर पालिका , विधान परिषद सहित 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले अगर प्रफुल पटेल बीजेपी में शामिल होते हैं तो यह बड़ी खबर आने वाले चुनावों के मद्देनजर होगी।

देखना दिलचस्प होगा एनसीपी संगठन में बढ़ती नाराजगी और प्रफुल्ल पटेल का बदलता राजनीतिक व्यवहार (जुगलबंदी ) क्या गुल खिलाता है।

रवि आर्य

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