आपदा के दौरान नागरिकों की मदद के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सजग
गोंदिया।: इन दिनों महाराष्ट्र भीषण बाढ़ से गुजर रहा है और कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए है तद्हेतु गोंदिया जिले में मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है, उक्त आशय का प्रतिपादन जिलाधिकारी नयना गुंडे ने आज 27 जुलाई को जिला आपदा व्यवस्थापन कक्ष में उपलब्ध खोज व बचाव सामग्री का निरीक्षण करते हुए व्यक्त किए।
मानसून का मौसम शुरू हो चुका है , एैसे में यदि 3 से 4 दिन तक लगातार बारिश होती है तो जिले के 96 गांवों में बाढ़ की संभावना बनी रहती है, वर्तमान में जिले में भी बारिश तेज हो गई है।
आपदा प्रबंधन प्रणाली के क्षमता निर्माण का निरीक्षण करने हेतु जिलाधिकारी श्रीमती नयना गुंडे ने बाढ़ की स्थिति के दौरान खोज व बचाव कार्य में उपयोग आने वाली सभी सामग्रियों जैसे- रबर, फायबर बोट, लाइफ जैकेट, लाइफ बाय, इमरजेंसी लाइट, ओबीएम मशीन, अपशिष्ट पदार्थो से तैयार फ्लोटिंग डिवाइस, सर्च लाइट आदि साहित्य का जायजा लिया।
जिला आपदा प्रबंधन खोज एंव बचाव दल द्वारा बाढ़ की स्थिति के दौरान की जाने वाली गतिविधियों, नागरिकों को सुरक्षित निकासी के लिए किए जाने वाले उपाय, जिला नियंत्रण कक्ष का संचालन, मानक कार्यपद्धति और सभी संबंधित विभागों के समन्वय के बारे में जिलाधिकारी ने पूरी जानकारी लेकर जिला आपदा व्यवस्थापन खोज व बचाव पथक की सराहना की।
गौरतलब है कि, गत वर्ष 2020 में अगस्त माह में गोंदिया व तिरोड़ा तहसील के अनेक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए जिससे जान माल सहित फसलों, कच्चे मकानों, जानवरों आदि की क्षति पहुंची थी तद्हेतु जिलाधिकारी ने वैनगंगा और बाघ नदी के किनारे बसे गांवों व और निचले इलाकों में बाढ़ के पानी से हुए नुकसान के साथ-साथ सरकार की ओर से तत्काल राहत प्रदान करने के लिए नावों और जनशक्ति की पर्याप्त व्यवस्था के संदर्भ में भी जानकारी ली। साथ ही इस वर्ष घटना की पुर्नावृत्ति ना हो इसके लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपाय योजनाओं की जानकारी भी दी।
महाराष्ट्र- मध्यप्रदेश के 8 जिलों की हुई संयुक्त बैठक
राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मध्यप्रदेश के सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट और महाराष्ट्र के गोंदिया, भंडारा, गड़चिरोली, चंद्रपुर, नागपुर जिलों की बैठक विभागीय आयुक्त नागपुर व जबलपूर की अध्यक्षता में 27 जुलाई को ली गई। बैठक में जलाशयों से पानी छोड़ने से पूर्व सूचित करने एंव सभी संबंधित जिलों को आपस में समन्वय स्थापित करने के संदर्भ में महत्वपूर्ण चर्चा की गई।
बाढ़ की स्थिति से निपटना संभव है। आपदा के दौरान नागरिकों की मदद के लिए जिला प्रशासन सदैव तत्पर है। प्रशासन और नागरिक यह समाज के दो प्रमुख घटक है इसलिए प्रशासन और नागरिकों को आपसी समन्वय बनाकर बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एक साथ आना चाहिए एैसा आव्हान भी जिलाधिकारी नयना गुंडे ने नागरिकों से किया।
निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी राजेश खवले, निवासी उपजिलाधिकारी जयराम देशपांडे, आपदा व्यवस्थापन अधिकारी राजन चौबे, शोध व बचाव पथक प्रमुख किशोर टैंभूर्णे आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।
रवि आर्य