गोंदिया। सुरक्षा के लिए खास ‘ हेलमेट की अनिवार्यता ‘ ने आपसी बहस के बीच विवाद खड़ा कर दिया है , कुछ हेलमेट लागू होने के पक्ष में खड़े हैं तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि चौक चौराहों पर जरूर पुलिस हेलमेट ना पहनने वालों का चालान काट रही है , 12 जुलाई को 106 तथा 13 जुलाई को 100 इस तरह 2 दिनों के भीतर 206 लापरवाह चालकों के विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है लेकिन बावजूद इसके सोशल मीडिया के जरिए हेलमेट पर तरह-तरह की दलीलें देकर इस अभियान को अनदेखा किया जा रहा है।
कमोबेश इसी का नतीज़ा है कि शहर में हेलमेट ना पहनने वालों की एक बड़ी संख्या है जबकि ग्रामीण इलाकों और आसपास की तहसीलों से अपने रोजमर्रा के कामकाज के सिलसिले में गोंदिया शहर आने वाले लोग हेलमेट को लेकर ज्यादा जागरूक नज़र आते हैं।
मौतों का बड़ा कारण हेलमेट ना लगाना
2 दिन पूर्व गोंदिया शहर के बड़े उड़ान पुल पर दो तेज रफ्तार बाइक्स के बीच आमने-सामने की भिड़ंत हो गई इस सड़क हादसे में दो युवकों की मौत हो गई जबकि एक जिंदगी और मौत से जूझ रहा है ।
हालांकि सड़क दुर्घटना ( एक्सीडेंट ) में मरने वाले दुपहिया चालकों के मामले में यह रिकॉर्ड नहीं रखा जाता कि जान गंवाने वालों ने हेलमेट पहना था या नहीं ?
लेकिन पुलिस और कोर्ट यह मानती है कि एक्सीडेंट के ज्यादातर मामलों में टू व्हीलर चालकों की मौत का बड़ा कारण हेलमेट पहनना होता है , यही वजह है कि गोंदिया जिला पुलिस प्रशासन ने हेलमेट की अनिवार्यता लागू करने से पहले टू व्हीलर चालकों को अवेयर करने के लिए सतत 15 दिनों तक जागरूकता अभियान चलाया लेकिन स्कूल- कॉलेजों से लेकर चौक -चौराहों तक चले इस ‘ गुलाब के फूल बांटो ‘ जागरूकता अभियान का लोगों में कोई खास असर दिखाई नहीं पड़ता।
सुरक्षित रहने के लिए हेलमेट पहनें , क्योंकि सिर सलामत तो.. हेल्मेट हजार
नियमानुसार टू व्हीलर के पीछे बैठने वाली सवारी को भी हेलमेट लगाना जरूरी है किंतु पीछे बैठे हुए तो छोड़िए सड़कों पर टू व्हीलर चला रहे 10 लोगों में से बमुश्किल 2 से 3 ही हेलमेट पहने मैंने नजर आते हैं ।
बता दें कि डबल हेलमेट न पहनने के कारण सबसे ज्यादा खतरा बच्चों का है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट ( स्कूल बस- वैन ) महंगा होने से जो अभिभावक बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते हैं और वापस घर लाते हैं लेकिन यह ज्यादातर लोग ‘ डबल हेलमेट ‘ नियमों का पालन करना जरूरी नहीं समझते।
बच्चों को टू व्हीलर देने से पहले पेरेंट्स को यह बात समझना जरूरी है कि हेलमेट गाड़ी की डिक्की में रखने के लिए या बाइक पर टंगाने के नहीं खरीदा गया इसे सिर पर लगाएं क्योंकि सिर सलामत तो.. हेलमेट हजार।
खासकर यूथ सिर पर हेलमेट लगाना अपनी तौहीन समझते हैं।
वहीं कुछ लोग हेलमेट अपनी सेफ्टी के लिए नहीं बल्कि 500 रुपए के चालान से बचने के लिए लगाते हैं , यह मानसिकता बदलनी होगी।
ऐसे में जीवन है अनमोल. फिर हेलमेट पर विवाद क्यों ?
रवि आर्य