पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात , दोनों निर्दलीयों को पाले में लाने की पहल शुरू
गोंदिया। राजनीति अंकगणित और संभावनाओं का खेल है यहां कुछ भी असंभव नहीं ? इस बात को 8 मई रविवार की इस तस्वीर ने सच साबित किया है। गोंदिया जिला परिषद में अध्यक्ष- उपाध्यक्ष और सभापतियों का चुनाव कल मंगलवार 10 मई को होना है ऐसे में कुर्सी पर भाजपा का कब्जा लगभग तय है।
बता दें कि यहां बीजेपी सत्ता के कुर्सी पर अपने बूते नहीं पहुंच सकी है , इस बार भी उसे दो निर्दलीयों के बैसाखी की दरकार है लिहाज़ा बीजेपी नेताओं द्वारा चुनाव दौरान टिकट कटने से नाराज और बतौर बागी तेवर अपनाते हुए निर्दलीय चुनकर आए पूर्व विधायक रमेशभाऊ कुथे के सुपुत्र रुपेश (सोनू ) कुथे तथा पूर्व सभापति रहे उमाकांत ढेंगे को मनाने की जिम्मेदारी भाजपा सांसद सुनील मेंढे तथा तिरोड़ा विधायक विजय रहांगडाले को सौंपी गई।
जिसके बाद भाजपा रणनीतिकारों ने दोनों निर्दलीय उम्मीदवारों की मुलाकात पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से रविवार 8 मई को करवाईं और सूत्रों के मुताबिक चर्चा सार्थक रही।
छन छन कर जो अंदर खाने से खबरें आ रही है उसके मुताबिक गोंदिया जिला परिषद में भाजपा के सत्ता पर काबिज़ होने के आसार बने हैं तथा नागरा जिला परिषद सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव जीते रुपेश (सोनू ) कुथे इन्हें जिला परिषद बांधकाम सभापति और अर्जुनी मोरगांव के इटखेड़ा जिला परिषद क्षेत्र से बतौर निर्दलीय चुनाव जीती पूर्णिमाताई ढ़ेंगे को महिला बालकल्याण सभापती बनाया जा सकता है ?
सत्ता से एक कदम दूर है.. भाजपा
गौरतलब है कि 53 सदस्यों वाली गोंदिया जिला परिषद में भाजपा के 26 सदस्य निर्वाचित हुए हैं जबकि कांग्रेस के 13 , राष्ट्रवादी के 8 और निर्दलीय विधायक विनोद अग्रवाल के चाबी संगठन के 4 तथा 2 निर्दलीयों ने भी चुनाव में जीत दर्ज की है।
खास बात यह है कि दोनों निर्दलीयों ने कानूनन तौर पर अपना अलग गट बना लिया है नतीजतन अब दोनों की लॉटरी निकलना लगभग तय है।
भाजपा के पास 26 वोट की ताकत है और वह सबसे बड़ा दल है लेकिन स्पष्ट बहुमत के लिए 27 का आंकड़ा चाहिए और बीजेपी सत्ता से एक कदम दूर है।
इसी बात का फायदा राकांपा , कांग्रेस ओर जनता की पार्टी (चाबी संगठन ) ने उठाते हुए लगातार दोनों निर्दलीयों से संपर्क साधने का प्रयास किया तथा उन्हें सत्ता की उम्मीद थी लेकिन फिलहाल संख्या बल के आधार पर भाजपा का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है।
विशेष उल्लेखनीय के भाजपा के रणनीतिकारों ने समान सोच रखने वाले चाबी संगठन के विधायक विनोद अग्रवाल से भी चर्चा कर तालमेल बिठाने का प्रयास किया लेकिन गोंदिया विधानसभा में दो नेताओं के बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग के चलते कोई बात बनते नजर नहीं आई इसलिए अब 2 निर्दलीयों को पाले में लाने की पहल शुरू कर दी गई है।
फिलहाल तस्वीरें कुछ कहती है और यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अब सत्ता पर काबिज होने के लिए वे भाजपा की मदद करेंगे ?
रवि आर्य