गोंदिया। नक्सली विचारधारा को त्याग कर 19 लाख के इनामी नक्सली दंपति ने गोंदिया जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे , जिला पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले , अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर के समक्ष बिना हथियार आत्म समर्पण किया है।
पिछले 23 वर्षों से सक्रिय कुख्यात देवरी दलम के नक्सली कमांडर लच्छू उर्फ लक्ष्मण उर्फ सुखराम सोमारू कुमेटी पर अलग-अलग थानों में आधा दर्जन बड़ी घटनाओं और जवानों पर हमले ( मुठभेड़ ) और आगजनी में शामिल होने के कुल 6 केस दर्ज हैं इस इनामी नक्सली पर कुल 16 लाख रुपए के नाम घोषित किया गया था।
नक्सल देवरी दलम सदस्य कमला उर्फ गौरी उर्फ महत्री हलामी इसे लालच देकर अपने साथ वर्ष 2001 में खोब्रामेंढा दलम में भर्ती किया गया था उसके खिलाफ गोंदिया जिले में पुलिस पार्टी पर फायरिंग , मुठभेड़ और आगजनी के कुल 8 मामले दर्ज हैं , इस महिला नक्सली पर 3 लाख रुपए का इनाम घोषित है।
सरकार की आत्म समर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर इस दंपति ने सरेंडर किया है।
आत्म समर्पित कमांडर और महिला नक्सली को शाल श्रीफल व पुष्पगुच्छ भेंट किया गया।
‘ नक्सलवाद उन्मूलन नीति ‘ के तहत इस सरेंडर करने वाले इस नक्सल दंपति को महाराष्ट्र की आत्मसमर्पण योजना के तहत 3 लाख रुपए और केंद्र सरकार की एम.आर.ई योजना के तहत ढाई लाख रुपए कुल साढे 5 लाख रुपए और कमल उर्फ गौरी को 4 लाख 50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी साथ ही 1 लाख रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे क्योंकि दोनों पति-पत्नी ने एक साथ सरेंडर किया है एवं शासन से प्राप्त सहायता नियमानुसार प्रदान की जाएगी।
कमजोर हो रहा नक्सलवाद , सिमटता जा रहा आधार क्षेत्र
पिछले कुछ वर्षों से नक्सल प्रभावित गोंदिया जिले में सक्रिय 6 नक्सली संगठनों का आधार क्षेत्र कमजोर होकर सिमटता जा रहा है।बात देवरी दलम कमांडर लच्छू और लक्ष्मण कुमेटी की करें तो नक्सली संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने इसे अपने साथ वर्ष 1999 में जोड़ा।
माओवादी संगठन में भर्ती होने के बाद उसने अबूजमाड़ में प्रशिक्षण लिया और स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य शेखर उर्फ सयन्ना के अंगरक्षक के रूप में काम किया उसी प्रकार केशकाल दलम, कोंडागांव दलम (छत्तीसगढ़ ) कोरची दलम, खोब्रामेंढा दलम ( गढ़चिरौली ) और देवरी दलम ( महाराष्ट्र गोंदिया ) में डिप्टी कमांडर बनाया गया इसके बाद उसके काम को देखते हुए उन्हें देवरी दलम के कमांडर का पद दिया गया , उसने संगठन की एक महिला नक्सली कमला उर्फ गौरी हलामी से विवाह किया।
महिला नक्सली के विषय में बताया जाता है कि उसे 2001 में कोबरा मंडा खोब्रामेंढा दलम में भर्ती किया गया था उसके बाद उन्हें प्रशिक्षण के लिए उत्तरी बस्तर और बालाघाट ( मध्य प्रदेश ) के जंगलों में भेजा गया था , अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्होंने उन्होंने कोरची , खोब्रामेंढा, चारभट्टी दलम , प्लाटून ए ( गढ़चिरौली ) दलम और गोंदिया के देवरी दलम में सदस्य के रूप में काम किया है।
आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली दंपति ने दी सलाह
गोंदिया जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष 22 सितंबर 2023 को आत्म समर्पण कर चुके नक्सली दंपति लच्छू उर्फ लक्ष्मण कुमेटी (उम्र 39 ) तथा कमला उर्फ गौरी हलामी ( उम्र 36 ) ने कहा कि- कैडरों में अविश्वास की भावना व्याप्त है और भविष्य अंधकार मय है।
माओवादी नेता और संगठन के वरिष्ठ कैडर जो उगाही से पैसा फंड इकट्ठा करते है लेकिन उसे दलम के कल्याण पर नहीं खुद स्वयं पर खर्च करता है।
पारिवारिक सदस्य या रिश्तेदारों पर कोई भी अड़चन आने पर किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं की जाती।
दलम में शामिल सदस्यों को दो टाइम का नियमित भोजन नसीब नहीं होता , जंगल का जीवन बेहद कठिन है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
पुलिस दल द्वारा सतत नक्सल विरोधी अभियान के तहत जंगल में कोबिंग ऑपरेशन चलाया जाता है जिससे हमेशा मौत का डर बना रहता है।
वरिष्ठ कैडर पुलिस खबरी के संशय में निरपराध आदिवासी बंधुओं और सामान्य नागरिकों को खत्म करने हेतु कहते हैं।
नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत महाराष्ट्र शासन की आत्मसमर्पण योजना से प्रभावित होकर हम दंपति ने सरेंडर करने का निर्णय लिया
गोंदिया के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट चिन्मय गोतमारे सहित पुलिस अधीक्षक गोंदिया निखिल पिंगले, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर ने माओवादियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों और सरकार की विभिन्न सरकारी योजनाएं का लाभ उठाकर अपना जीवन आसान बनाएं।
रवि आर्य