सड़क निर्माण व खड़ीकारण कार्य के बिल मंजूरी हेतु ठेकेदार से मांगी रिश्वत
गोंदिया। देवरी बीडीओ को एंटी करप्शन ब्यूरो ने बुधवार 2 मार्च को 65000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया , वह पंचायत समिति कार्यालय देवरी स्थित अपने सरकारी दफ्तर में बैठकर घूस ले रहे थे ।
बीडीओ ने ठेकेदार से विकास कामों के इस्टीमेट पर दस्तखत के लिए रिश्वत मांगी , इधर मोल भाव पश्चात एसीबी पंच गवाहों के समक्ष कार्रवाई कर उसे अपने साथ ले गई अब देवरी थाने में मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
वाक्या कुछ यूं है कि…
शिकायतकर्ता यह जिस सहकारी संस्था का सदस्य है, उस संस्था के माध्यम से देवरी तहसील में ग्राम पंचायतों को विविध शासकीय योजनाओं के तहत चल रहे कामों के लिए ग्राम पंचायत द्वारा निविदा जारी होने के बाद विभिन्न सामग्री की आपूर्ति करने का कार्य किया जाता है तथा उक्त कामों का बिल पंचायत समिति देवरी द्वारा मंजूर होने के बाद संस्था को दिया जाता है।
ग्राम पंचायत द्वारा निविदा जारी होने के बाद विविन्न सामग्रीयों की आपूर्ति व उससे संबंधित सभी कार्यालयीन कामकाज संस्था के माध्यम से शिकायतकर्ता द्वारा देखे जाते है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार हमी योजना (मनरेगा) के तहत सन 2017 के आर्थिक वर्ष में ग्राम भागी व ग्राम पिंडकेपार में सड़क निर्माण व खड़ीकरण का कार्य मंजूर किया गया था।
इस काम के लिए ग्राम पंचायत से निविदा प्राप्त होने के बाद शिकायतकर्ता की संस्था ने दोनों ग्राम पंचायतों को इस कार्य के लिए लगभग 38,00,000 रूपये की अनुमानित लागत से सामग्री की आपूर्ति की थी, जिसके तहत दोनों ग्राम पंचायतों के बिल स्वीकृति हेतु भेजने के लिए शिकायतकर्ता से पहले 30 हजार रूपये वसूले गए तथा शेष 60 हजार रूपये , उसी प्रकार 15 वें वित्त आयोग अंतर्गत ग्राम पंचायत भागी, शिरपुर के लिए मंजूर हुए 10,00,000 रूपये के कामों के लिए दस्तखत कर ईस्टीमेट देने के एवज में भी 10 हजार रूपये वसूले गए, इसमें भी शेष 10 हजार इस तरह दोनों कामों के लिए कुल 70 हजार की रिश्वत की मांग शिकायतकर्ता से की गई, जिसपर फिर्यादी ने 17 फरवरी को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के गोंदिया दफ्तर पहुंच शिकायत दर्ज करा दी।
मामले की उचित जांच पश्चात एसीबी अधिकारियों ने 2 मार्च को जाल बिछाया और पंचायत समिति कार्यालय देवरी में सफल कार्रवाई को अंजाम दिया । इस कार्रवाई के दौरान पं.स. देवरी के गटविकास अधिकारी (वर्ग-1) चंद्रमणी मोडक इसे बिल स्वीकृति हेतु भेजने तथा 15 वें वित्त आयोग अंतर्गत मंजूर कामों के लिए साइन कर ईस्टीमेट देने के ऐवज में मोलभाव पश्चात 65 हजार रूपये की रिश्वत अपने ही कक्ष में स्वीकार करते हुए पंच गवाहों के समक्ष रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया।
इस संदर्भ में अब घूसखोर गटविकास अधिकारी के खिलाफ देवरी थाने में धारा 7 भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम सन 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक राकेश ओला, अपर पुलिस अधीक्षक मधुकर गीते (एसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक पुरूषोत्तम अहेरकर, सहायक उपनिरीक्षक खोब्रागडे , पो.हवा . राजेश शेंद्रे , नापोसि. राजेंद्र बिसेन, मंगेश काहालकर, संतोष बोपचे , संतोष शेंन्डे , मनापोसि संगिता पटले चालक नापोसि दिपक बाटबर्वे द्वारा की गई।
रवि आर्य