Published On : Fri, Nov 26th, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया: बकरी प्रोजेक्ट पास कराने मांगी रिश्वत

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किसान से 8000 की घूस लेते पशुधन पर्यवेक्षक रंगे हाथों पकड़ाया

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गोंदिया रिश्वतखोरी का गढ़ बनता जा रहा है यहां के सरकारी विभागों में हर जगह घूसखोरी का बोलबाला है और रिश्वत के बिना कुछ भी काम होना संभव नहीं।

बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे किसान एवं पशु मालक आसानी से शुरू कर सकते हैं तदहेतु महाराष्ट्र शासन के मराठवाड़ा पैकज योजना अंतर्गत बकरी एंव बकरा (भेड़) के मूल मूल्य में वृद्धि करने हेतु लाभार्थी किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर 20 बकरियों और 2 बकरों के साथ बकरियों का झूंड पशुसंवर्धन विभाग के माध्यम से आवंटित किया जाता है।

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इसी योजना के तहत अनुदान की दुसरी किश्त देने के ऐवज में लाभार्थी किसान से 8 हजार रूपये की रिश्‍वत स्वीकार करते पशुधन पर्यवेक्षक को एसीबी विभाग टीम ने रंगेहाथों धरदबोचा है।

दरअसल बकरी पालन की उक्त योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है तथा लोन चुकाना बहुत ही सरल होता है इसी के अंतर्गत शिकायतकर्ता ने बकरी पालन का अनुदान मिलने के लिए पंचायत समिति गोंदिया में आवेदन किया था, जिसके अनुसार बकरी पालन प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया ।

इस योजना के तहत लाभार्थी किसान ने 20 बकरी व 2 बकरे कृषि उत्पन्न बाजार समिति, गोरेगांव में विक्रेता से खरीदी किए जिसपर पंचायत समिति गोंदिया के पशुसंवर्धन विभाग द्वारा प्रथम चरण के रूप में लाभार्थी अनुदान की रकम कुल 57 हजार 360 रूपये लाभार्थी के बैंक खाते में जमा हुई।

तत्पश्‍चात दुसरे चरण में लाभार्थी अनुदान की रकम प्राप्त करने के संदर्भ में पूछताछ के लिए शिकायतकर्ता ने पं.स. के पशुसंवर्धन विभाग में कार्यरित पशुधन पर्यवेक्षक संजय सव्वालाखे से भेंट की, जिसपर सव्वालाखे ने अनुदान की दुसरी किश्त देने के ऐवज में 10 हजार रूपये की डिमांड फिर्यादी से कर दी।

शिकायतकर्ता किसान चढ़ावे की रकम देने का इच्छुक नहीं था लिहाजा उसने 23 नवंबर को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के गोंदिया दफ्तर पहुंच अपनी शिकायत दर्ज करायी। मामले की जांच पड़ताल के बाद 25 नवंबर गुरूवार को एसीबी विभाग अधिकारियों ने जाल बिछाकर गंगाझरी बस स्टॉप चौक के निकट सफल कार्रवाई को अंजाम दिया।

पशुधन पर्यवेक्षक संजय सव्वालाखे (50) ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए दुसरे चरण की लाभार्थी अनुदान रकम देने के ऐवज में मोलभाव पश्‍चात 8 हजार रूपये में सौदा तय करते हुए किसान से रिश्‍वत स्वीकार की जिसे पंच गवाहों के समक्ष रंगेहाथों धर लिया गया।
इस संदर्भ में भ्रष्ट पशुधन पर्यवेक्षक के खिलाफ गंगाझरी थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।

उक्त कार्रवाई को अंजाम पुलिस अधीक्षक राकेश ओला, अपर पुलिस अधीक्षक मिलिंद तोतरे (एसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक पुरूषोत्म अहेरकर, सहायक उपनि. विजय खोब्रागड़े, पो.ह. राजेश शेंद्रे, ना.पोसि योगेश उईके, रंजीत बिसेन, नितीन रहांगडाले आदि ने दिया।

रवि आर्य

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