ट्रेनों के जरिए हो रही गांजे की तस्करी , श्वान लूसी ने खोज निकाला
गोंदिया: गांजा तस्करों ने पुलिस से बचने के लिए नया तरीका इजाद किया है, ट्रेनों में गांजा तस्करी के लिए अब लावारिस बैग के जरिए गांजा तस्करी शुरू कर दी गई है।
गांजा तस्कर ट्रेनों के स्लीपर कोच से गांजे की तस्करी कर रहे हैं तथा बैग के अंदर पार्सल के रूप में गांजा के पैकेट पैक कर , तस्कर ट्रेन के स्लीपर कोच में रख देते हैं और इसकी निगरानी के लिए टिकट लेकर अपना गुर्गा आजू- बाजू के कोच में बिठा देते हैं जो दूर से निगरानी रखता है अगर बीच में मुखबिर भी हो गई तथा पुलिस गांजा तक पहुंच भी गई तो कोई पकड़ा नहीं जाता।
ऐसे ही स्लीपर कोच में संदिग्ध बैग मिलने के मामले का खुलासा रविवार 03 जुलाई सुबह 7:30 बजे तब हुआ जब पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे के मार्गदर्शन में डॉग स्कॉट अधिकारी पुलिस उप निरीक्षक बारेवार तथा पुलिस हवलदार विजय ठाकरे यह नशीले पदार्थों को खोजने वाली श्वान ‘लूसी ‘ के साथ शासकीय वाहन में सवार होकर रेलवे स्टेशन परिसर में रूटिंग चेकिंग के लिए गए थे।
इसी दौरान रेलवे सुरक्षा बल से मिली सूचना पर सुबह 8:10 बजे प्लेटफार्म क्रमांक 3 पर पूरी-गांधीग्राम एक्सप्रेस ( गाड़ी संख्या क्रमांक 22974 ) के कोच नंबर D-2 में संदिग्ध ग्रे रंग का पिट्ठू बैग जो लावारिस अवस्था में पड़ा था उसको सूंघने से श्वान ‘ लूसी ‘ भौंकने लगी तथा लावारिस बैग के पास श्वान लूसी बैठ गई जिसपर पुलिस को बैग में नशीले पदार्थ होने का संदेह हुआ ।
जब बैग की तलाशी ली गई तो उसके भीतर से 3 खाकी लिफाफे में अच्छे से लिपटे हुए पैकेट निकले जिनके भीतर 5 किलो 554 ग्राम अच्छी क्वालिटी का गांजा भरा था तथा बरामद गांजे की कीमत 55, 540 रुपए आंकी गई है।
रेलवे पुलिस ने इस संदर्भ में अज्ञात गांजा तस्करों के खिलाफ धारा 8 (क) 20 (ब) एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच पड़ताल शुरू की है।
रवि आर्य