किराया निकालकर देने के एवज़ में मकान मालिक से मांगी रिश्वत
गोंदिया। भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग ने जिला परिषद में जाल बिछाकर 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते उमेद के अधिकारी को रंगेहाथों धरदबोचा।
एलसीबी सूत्रों ने जानकारी देते बताया, जिले के ग्रामीण इलाकों में स्वंय सहायता बचत गट की महिलाओं द्वारा उत्पादित वस्तुओं का बिक्री केंद्र (पलाश) गोंदिया शहर में स्थापित करने के लिए जिला अभियान व्यवस्थापक, महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नती अभियान, जिला अभियान कक्ष गोंदिया द्वारा शिकायतकर्ता के पिता के नाम पर रेलटोली के पाल चौक इलाके में एक इमारत किराये पर ली गई और प्रतिमाह 14,455 रूपये से मासिक किराए का करारनामा हुआ, उसी आधार पर नवंबर 2020 से फरवरी 2021 तक मासिक किराया उसे प्राप्त हुआ था लेकिन मार्च से कोविड-19 का प्रसार बढ़ने से किराए की इमारत का करारनामा रद्द कर दिया गया।
शिकायतकर्ता ने कुछ दिन पूर्व जि.प. व्यवस्थापन कक्ष (उमेद) के कार्यालय अधीक्षक अमोल भागवत से भेंट करते हुए मार्च 2021 से जून 2021 इन 4 महीने का किराया निकालकर देने की बात कही जिसपर गैरअर्जदार भागवत ने किराया निकालकर देने के ऐवज में 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग शिकायतकर्ता से कर दी लेकिन अर्जदार यह चढ़ावा देने का इच्छुक नहीं था जिसपर उसने 2 अगस्त को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग गोंदिया के दफ्तर पहुंच शिकायत दर्ज करा दी।
मामले की जांच करते हुए आज बुधवार 4 अगस्त को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग अधिकारियों ने जाल बिछाया और सफलतापूर्वक कार्रवाई को अंजाम देते हुए जिला परिषद पहुंचकर गैरअर्जदार अमोल भागवत (40) इन्हें शिकायतकर्ता से 10 हजार रूपये की रिश्वत स्वीकारते हुए पंच गवाहों के समक्ष रंगेहाथों धर लिया।
इस संदर्भ में अब आरोपी के खिलाफ गोंदिया ग्रामीण थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून 1988 सुधारित अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक रश्मी नांदेडकर, अपर पुलिस अधीक्षक मिलिंद तोतरे (एलसीबी नागपुर) के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक रमाकांत कोकाटे, सहा. उपनि. विजय खोब्रागड़े, पो.ह. प्रदीप तुलसकर, राजेश शेंद्रे, नापोसि योगेश उईके, रंजीत बिसेन, नितीन रहांगडाले, राजेंद्र बिसेन, चालक पो.ह. देवानंद मारबेत आदि की ओर से की गई।
रवि आर्य