गोंदिया: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती या पुण्यतिथि नहीं मनाता है बल्कि जिस दिन उनका राज्याभिषेक हुआ, उस दिन को हिंदू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका कारण यह है कि जब समाज आत्मविस्मृत था और कल्पना नहीं कर सकता था तब छत्रपति शिवाजी महाराज ने अठारह पगड़ जातियों को लेकर अदम्य साहस, ध्येर्य और उत्साह से भरे समाज को संगठित कर हिन्दू स्वराज्य की स्थापना की।
पिछले 7-8 सौ सालों में ऐसा कारनामा कोई नहीं कर सका , संघ भी ऐसी ही परिस्थितियों में बना था और भारत माता को परम वैभव की ओर ले जाने के उद्देश्य से एक संगठित शक्ति का निर्माण कर रहा है, इस तरह का प्रतिपादन राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के विदर्भ प्रांत कार्यवाह अतुल मोघे ने किया।
वे शनिवार 3 जून की शाम स्थानीय लिटिल वुड्स स्कूल प्रांगण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विदर्भ प्रांत प्रथम वर्ष (सामान्य) प्रशिक्षण वर्ग के समापन समारोह व हिंदू साम्राज्य दिवस समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने आगे कहा- पूजा के तरीके का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन जो इस मातृभूमि के प्रति समर्पित हैं वे सभी हिंदू हैं, इसलिए पहले हिंदु फिर जातियां..।
प्रमुख अतिथि डॉ. देवाशिष चटर्जी ने अपने संबोधन में कहा- देश में 65 प्रतिशत युवा है और हमारा देश दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र है, उन्होंने स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज की आवश्यकता बताते हुए युवाओं से अपील की कि वे अपने क्षेत्र के वंचित एवं आदिवासी लोगों से संवाद बढ़ाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए कार्य करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें।
सर्वप्रथम भारत माता और छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतिमा के पूजन से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रशिक्षण वर्ग अधिकारी श्याम पत्तरकिने ने रखी।
इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थी स्वंय सेवकों ने दंड, नियुद्ध आदि का प्रात्याक्षिक प्रयोग कर दिया। प्रमुख रूप से मंच पर जिला संघ संचालक लीलाराम बोपचे, नगर संघचालक मिलिंद अलोणी उपस्थित थे , अंत में आभार वर्ग कार्यवाह दत्ताजी बहादुरे ने माना।
रवि आर्य