9 दिन में डायल 112 पर 110 बार फेक कॉल करना महिला को पड़ा महंगा
गोंदिया। सरकार ने इमरजेंसी में लोगों की सुविधा के लिए डायल 112 सेवा की शुरुआत की है , इस सेवा के तहत मुसीबत में फंसे नागरिकों को मात्र चंद मिनटों के भीतर ही पुलिस की मदद पहुंचाई जाती है।
लेकिन उक्त आपातकालीन सेवा का माखौल उड़ाते हुए गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव तहसील की एक महिला ने 9 दिन में डायल 112 पर 110 बार फेक कॉल की और झूठी जानकारी देकर पुलिस को गुमराह किया जो उसे महंगा पड़ा और उसे 6 माह के कारावास की सजा सुनाई गई है , संभवत महाराष्ट्र का यह पहला ऐसा मामला है।
एक छोटे बच्चे का मर्डर हुआ है , पुलिस सहायता शीघ्र भेजें !!
दरअसल एक अज्ञात मोबाइल नंबर से पुलिस के डायल 112 क्रमांक पर बार-बार कॉल आ रहा था तथा एक छोटे बच्चे का मर्डर हुआ है तत्काल पुलिस सहायता भेजें , ऐसी जानकारी देने के बाद उस मोबाइल फोन को स्विच ऑफ कर दिया गया।
अर्जुनी मोरगांव थाना पुलिस निरीक्षक सोमनाथ कदम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए 3 बार घटनास्थल पर पुलिस टीम भेजी लेकिन इस प्रकार की कोई घटना घटित न होने पर पुलिस को झूठी और गुमराह किए जाने के बाद सामने आई।
डायल 112 पर बार-बार फेक कॉल से पुलिस को खासी मानसिक तौर पर परेशानी होने के कारण थाना प्रभारी कदम ने उक्त अनजान मोबाइल नंबर के खिलाफ अदखल पात्र क्रमांक 235/22 की धारा 177 के तहत मामला दर्ज करते हुए न्यायालय से फेक कॉल को ट्रेस करने तथा जांच की अनुमति ली।
मामले की संपूर्ण जांच ओर तकनीकी सबूतों के आधार पर 12 जुलाई 2022 से 21 जुलाई 2022 के दरमियान इन 9 दिनों में कुल 110 बार कॉल करते हुए डायल 112 पर झूठी जानकारी देने की पुष्टि हुई जिसके बाद अर्जुनी मोरगांव पुलिस ने आरोपी महिला शिल्पा (निवासी, महालगांव ) के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
अर्जुनी मोरगांव अदालत के प्रथम वर्ग न्याय दंडाधिकारी ने सभी सबूतों के आधार पर आरोपी महिला को 6 माह की कैद व 500 रूपए आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई।
इस प्रकरण में सुनवाई करते अदालत ने स्पष्ट किया कि डायल 112 केवल आपातकालीन सहायता के लिए है लेकिन अफसोस की बात है कि 112 पर दिशा भूल करने की जानकारी बार-बार दी गई जिससे घटनास्थल पर जाकर पुलिस को शारीरिक व मानसिक त्रास का सामना करना पड़ा।
सरकारी कार्य में बाधा डालने और गलत जानकारी देकर इस सेवा का दुरुपयोग करते हुए पुलिस को गुमराह करना यह अत्यंत दुख की बात है इसलिए आरोपी के खिलाफ योग्य कार्रवाई किया जाना आवश्यक है । इस प्रकरण में सरकार की ओर से पैरवी एडवोकेट सारिका कातेखाई ने की ।
प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे, उपविभागीय पुलिस अधिकारी विजय भिसे के मार्गदर्शन में अर्जुनी मोरगांव थाना प्रभारी सोमनाथ कदम , सहायक पुलिस निरीक्षक संभाजी तागड़े की ओर से की गई।
विशेष उल्लेखनीय है कि डायल 112 पर फेक कॉल से पुलिस खासी परेशान रहती है, अब ऐसे लोगों पर एक्शन लेने की तैयारी कर ली गई है।
कई कॉल ऐसे भी आते हैं जिनमें मोबाइल रिचार्ज करने को कहा जाता है साथ ही कस्टमर केयर का नंबर भी मांगा जाता है।
रवि आर्य