गोंदिया। बेमेल गठबंधनों के बीच सत्ता के खेल तक महाराष्ट्र ने कई राजनीतिक बदलाव देखे हैं , दरअसल सत्ता की जंग में सब कुछ जायज़ मान लिया गया है और इस काम में कोई किसी से पीछे नहीं।
हवा चले जिधर की , चलो तुम उधर ही..
हवा चले जिधर की , चलो तुम उधर ही.. कुछ इसी तर्ज की राजनीति पर यकीन रखते हुए पूर्व विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे तथा उनके पुत्र डॉ. सुगत चंद्रिकापुरे आज सार्वजनिक रूप से शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए।
मुंबई में हुए पार्टी प्रवेश कार्यक्रम के दौरान उनका शिवसेना शिंदे गुट में स्वागत किया गया तथा उनके भावी सामाजिक एवं राजनीतिक सफर के लिए शुभकामनाएं दी गई।
इस अवसर पर बोलते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा- पूर्व विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे और डॉ.सुगत चंद्रिकापुरे के पार्टी प्रवेश से गोंदिया जिले में शिवसेना मजबूत होगी ।
यह अवसर पर शिवसेना शिंदे गुट की ओर से स्पष्ट किया कि शिवसेना की ओर से अर्जुनी मोरगांव में एक ” विशाल किसान सभा ” का आयोजन करेंगे और उसे संबोधित करने हेतु स्वयं एकनाथ शिंदे आएंगे , पिता पुत्र के पार्टी प्रवेश के दौरान ठाणे से शिवसेना के सांसद नरेश गनपत म्हस्के भी उपस्थित थे।
राजनीति की नाटकीयता क्या यहीं समाप्त हुई ?
बस सत्ता की धारा ही सभी के सिर चढ़कर बोल रही है , जब जैसे जिसको मौका मिल रहा वह सत्ता की धारा में डुबकी लगा रहा है।
इसी कड़ी में आज पूर्व विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे और उनके पुत्र की महाराष्ट्र की सत्ता में वापसी हो गई है।
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस की टिकट पर गोंदिया जिले की अर्जुनी मोरगांव ( आरक्षित ) सीट से 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मनोहर चंद्रिकापुरे विधायक बने थे जब 2024 में राष्ट्रवादी कांग्रेस दो फाड़ हो गई और अर्जुनी मोरगांव सीट यह गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में चली गई और उनका टिकट कटा तो
उन्हें अपने काम पर जनादेश का विश्वास नहीं था लिहाज़ा ओमप्रकाश बच्चू कडू की ” प्रहार जनशक्ती पार्टी ( पीजेपी ) का दामन थाम लिया और ” बैट चुनाव चिन्ह ” लेकर बेटे डा. सुगत मनोहर चंद्रिकापुरे को चुनावी मैदान में उतार दिया ।
विधानसभा चुनाव में सिर्फ 15428 वोटों पर पारी सिमट गई थी
प्रहार जनशक्ती पार्टी की टिकट पर भाग्य आजमा रहे डॉ. सुगत मनोहर चंद्रिकापुरे का चुनावी मैदान में बल्ला ( बैट ) चला नहीं और पारी 15,428 वोटों पर ही सिमट गई।
इस सीट पर मुख्य मुकाबला महायुति उम्मीदवार और कांग्रेस के बीच था यहां से राजकुमार बडोले 82, 506 वोट प्राप्त कर घड़ी चुनाव चिन्ह से विजयी घोषित हुए जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार दिलीप बंसोड़ को 66091 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा।
चुनावी रिजल्ट पश्चात महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी को करारी हार मिली तो हवा चले जिधर की, चलो तुम उधर ही.. इस सिद्धांत पर चलते हुए अब चंद्रिकापुरे पिता पुत्र ने शिवसेना का धनुष बाण उठा लिया है ।
देखना दिलचस्प होगा राजनीति की नाटकीयता का दौर क्या यहीं समाप्त होगा और अर्जुनी मोरगांव विधानसभा क्षेत्र की जनता पिता पुत्र की इस दल-बदल राजनीति पर कितना यकीन करती है।
रवि आर्य