जिले की सीमाएं सील , पुलिस की नाकाबंदी शुरू
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की महामारी सबसे खतरनाक चरण में पहुंच चुकी है लिहाजा गोंदिया जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ संपूर्ण जिले में 23 मार्च सोमवार से धारा 144 लागू करते हुए गोंदिया कलेक्टर डाॅ. कादंबरी बलकवड़े की ओर से आम जनता से अपील की गई है कि वह कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने हेतु एहतियात बरतें इस धारा के तहत सड़क पर एकसाथ 5 या उससे अधिक लोग इकट्ठे नहीं हो सकते।
सरकारी दफ्तरों में भी काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 25% से घटाकर 5 फ़ीसदी कर दी गई है , 31 मार्च तक सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल वही कर सकेंगे जो जरूरी सेवाओं में लगे हैं।
मुश्किल घड़ी में लोग पहले भी जिला प्रशासन का सहयोग करते आए हैं उम्मीद है आगे भी करेंगे, ऐसी अपील गोंदिया जिलाधिकारी डॉ. कादंबरी बलकवड़े की ओर आम जनता से करते हुए कहा गया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना वायरस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए मार्गदर्शन में निवारक उपाय प्रदान किए हैं।
इसलिए महाराष्ट्र राज्य में तेजी से बढ़ते वायरस को तत्काल रोकने की आवश्यकता हो गई है और हमें निवारक उपायों को लागू करना होगा। तदनुसार उपरोक्त संदर्भ के तहत, आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 गोंदिया जिले के शहरी क्षेत्रों में लागू की गई थी लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के संबंध में वर्तमान स्थिति को देखते हुए गोंदिया जिले के अंतर्गत सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों (पूरे जिले में ) में लागू की जा रही है। इस आदेश का निष्पादन तत्काल प्रभाव से किया जाना चाहिए। इस आदेश के लागू होने के बाद, 5 से अधिक व्यक्तियों को एक स्थान पर इकट्ठा होने से मना किया जाता है।
निम्नलिखित आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की स्थापना की जाएगी
गोंदिया जिले में केवल पीने का पानी , सीवेज सर्विसेज , सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सर्विस , बैंक सेवाएँ और RBI , टेलीफोन और इंटरनेट की सुविधा / रेलवे और संचार सुविधाएं / अनाज / फल / सब्जियां / दूध / किराने का सामान / पोल्ट्री उत्पाद / मटन / खाद्य बेचने वाले प्रतिष्ठान / अनाज के गोदाम / सस्ते अनाज की दुकानें / अस्पताल / मेडिकल स्टोर / मेडिकल सेंटर / बिजली विभाग / पेट्रोल और पेट्रोलियम उत्पाद / ऊर्जा से संबंधित स्थापना / मीडिया / दवाओं और आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली फैक्टरियां / सूचना प्रौद्योगिकी में आवश्यक सुविधाएं / लॉजिंग और बोर्डिग , यदि यह प्रश्न उठता है कि सेवा या स्थापना आवश्यक है या नहीं, तो कलेक्टर गोंदिया का निर्णय अंतिम होगा ।
सरकारी दफ्तरों में केवल 5 प्रतिशत कर्मचारी और अर्ध-प्रशासनिक कार्यालयों में उपस्थित होंगे। सभी धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए बंद रहेंगे। यदि आवश्यकता न हो तो नागरिकों को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए , इस आदेश का उल्लंघन करते हुए यदि कोई पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
रवि आर्य