वृक्ष पर लाल कपड़े के बैनर बांध नक्सलियों द्वारा सनसनी फैलाने की कोशिश , जंगल में पुलिस का कोंबिग ऑपरेशन शुरू
गोंदिया। पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने का दबाव लगातार सरकार पर बना हुआ है इसी बीच सीधे तौर पर अब नक्सली संगठनों ने राज्य कर्मचारियों के संगठन को अपना समर्थन देते हुए o.p.s. को लागू करने की मांग की है।
27 मार्च रविवार को गोंदिया जिले के आमगांव -सालेकसा मार्ग पर पुरानी पेंशन को समर्थन घोषित करते हुए
प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी ) ने लाल कपड़े के बैनर वृक्षों पर बांधकर सनसनी फैलाने की कोशिश की है।
महाराष्ट्र -मध्य प्रदेश -छत्तीसगढ़ जोनल ( माओवादी ) कमेटी के प्रवक्ता अनंत के नाम से लगे इस पोस्टर के साथ चिपकाए गए खत में सरकारी कर्मचारियों पर मेस्मा लगाने की निंदा की गई है ।
माओवादी संगठन ने बैनर के माध्यम से आव्हान करते लिखा है- महाराष्ट्र राज्य के सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन करो , मेस्मा कानून लाकर आंदोलन को कुचलने वाली शिंदे- फडणवीस सरकार मुर्दाबाद….
नई पेंशन योजना को रद्द कर , पुरानी पेंशन योजना लागू करो।
ठेका भर्ती पद्धति को रद्द करो तथा जितने भी रिक्त पद हैं उन्हें तुरंत भरो।
सार्वजनिक और उद्योगों का निजीकरण रोका जाए , देश के मेहनतकश जनता के आंदोलन को बल के दम पर दबाने का प्रयास विफल करें।
वृक्ष पर बंधे बैनर से नागरिकों के बीच भय की स्थिति निर्मित हो गई है , बैनर लगाए जाने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची तथा वृक्ष पर बांधे गए बैनर हटाकर उन्हें जप्त कर लिया गया है।
फिलहाल पुलिस ने महाराष्ट्र- छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र -मध्य प्रदेश की सीमा से सटे घने जंगलों में कोंबिग ऑपरेशन तेज कर दिया है और आला अधिकारी हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।
बता दें कि राज्य कर्मचारी संगठन के 17 लाख कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को लेकर 1 सप्ताह तक अपना आंदोलन जारी रखा , जिससे हड़ताल के दौरान सरकारी कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हुआ।
अब इसी मांग को लेकर बैनर के जरिए पुरानी पेंशन का समर्थन जिले में सक्रिय नक्सली संगठनों ने किया है।
बहरहाल जिला पुलिस प्रशासन द्वारा इस बात की भी जांच पड़ताल की जा रही है कि उक्त बैनर नक्सलियों ने लगाया है या किसी ने उकसाने की मंशा से लगाया है।