Published On : Mon, Nov 8th, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

गोंदिया: प्रताड़ना से तंग आकर BGW अस्पताल के परिचय ने गटका जहर

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वायरल ऑडियो वीडियो से खलबली , मरीज को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया ?

गोंदिया: जिला शासकीय महिला बाई गंगाबाई BGWअस्पताल के ब्लड बैंक में चपरासी पद पर कार्यरत परीक्षित कुंडलिक मेश्राम (45) नामक स्थाई कर्मचारी ने अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर और सीनियर लिपिक की प्रताड़ना से तंग आकर दीपावली के ठीक एक दिन पहले 3 नवंबर को जहर गटक लिया।

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विष सेवन से पहले परीक्षित मेश्राम ने 2 ऑडियो संदेश रिकॉर्ड कर कर्मचारियों के व्हाट्सएप ग्रुप पर डाला और रेड किल नामक चूहा मार पाउडर खा लिया, यह आडियो और उसे घटनास्थल से अस्पताल लाते हुए का वीडियो अब वायरल हो रहा है।

प्रताड़ना के इस मामले की हकीकत जानने हेतु हमने रविवार 7 दिसंबर को श्री राधे कृष्ण क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल (डॉ. गिरी ) के निजी अस्पताल का रुख किया। अस्पताल में भर्ती परीक्षित कुंडलिक मेश्राम ने बीजीडब्ल्यू अस्पताल के इंचार्ज डॉ.सोनारे और सीनियर लिपिक तराले पर आरोप लगाते हुए बताया कि- मैंने 2 महीने पहले 59 हजार के जीपीएफ लोन के लिए आवेदन किया था ।

मुझ पर प्राइवेट लोगों का 50 हजार के आसपास का क़र्ज़ है जो मैंने दीपावली पूर्व उन्हें वापस लौटने का वादा किया था ।

लेकिन जीपीएफ भरने के बाद भी आज चेक निकाल देता हूं , कल निकाल देता हूं ? ऐसा बोलकर सीनियर बाबू तराले मुझे टरकाने लगा , ट्रेजरी में मेरा चेक आया हुआ है आप सही मार दो मैंने डॉ सोनारे को फोन किया।

मैं नागपुर में बिल लेकर आया हूं लौटने पर सारे (सभी कर्मचारियों ) के चेक पर साईन कर दूंगा ऐसा उन्होंने कहा ?

उसने सभी कर्मचारियों के चेक पर सही मार दिए , मेरे चेक पर दस्तखत नहीं किए ?

डॉ. सोनारे अगर सिग्नेचर कर देते तो वह चेक उसी दिन बैंक में क्लियर हो जाती है और मैं घर पर उधार वापसी ( कर्ज ) का तकादा लेकर आ रहे लोगों को रकम वापस कर देता , लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिससे मैं तनावग्रस्त हो गया इस प्रताड़ना से तंग आकर मजबूरी में मैंने बाजार से चूहा मार जहर खरीदा और खा लिया।

ग्राम चुलोद (स्कूल रोड ) निकट रिकॉर्ड किया गया मेरा मैसेज सुनकर बीजीडब्ल्यू अस्पताल के ब्लड बैंक कर्मचारी मुझे अर्ध मूर्छित अवस्था में उठाकर केटीएस अस्पताल ले आए ।

यहां तराले बोले- किसी को भी मत बताओ , फैमिली में भी मत बताओ ? मैं तुम्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवा देता हूं मुझे केटीएस अस्पताल से 3 नवंबर के रात इस निजी अस्पताल के आईसीयू में एडमिट कर दिया गया।

एमएलसी रजिस्टर्ड हुआ है , पुलिस को इनफॉर्म किया है- डॉ गिरी
परीक्षित मेश्राम नामक मरीज ने रेड किल चूहामार पाउडर खाया है यह पॉइजनिंग का केस है , 3 नवंबर रात 9 बजे इसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया उसी दिन हमने पुलिस को इनफॉर्म किया है एमएलसी रजिस्टर्ड हुआ है।

6 नवंबर के दोपहर 12 बजे तक मरीज यह आईसीयू में था , आज 7 नवंबर के दोपहर उसे रिकवरी रूम में शिफ्ट किया है मरीज की सेहत अप एंड डाउन हो रही है केस में बताते नहीं आता ?

एमएलसी कागज पर साइन है , पुलिस कर्मी का बक्कल नंबर भी है अगर पुलिस वाले बयान अब तक लेने नहीं आए तो यह उनकी लापरवाही है ? उक्त आशय के उद्गार चर्चा दौरान के दौरान डॉ गिरी ने व्यक्त किए।

जब हमने उनसे पूछा परीक्षित मेश्राम के उपचार का खर्चा , अस्पताल और मेडिकल का बिल कौन वहन कर रहा है ?
तो डॉक्टर गिरी ने चार्ट दिखाते कहा – यहां मरीज के रिश्तेदार के तौर पर तराले के दस्तखत हैं और वहीं बिल पेड कर रहे हैं तथा डॉ. सोनारे भी हमारे संपर्क में हैं।

राधे कृष्ण अस्पताल के मेडिकल शॉप पर जब हमने पूछताछ की तो मेडिकल दुकान के संचालक मनमीत सिंग ने बताया- 6 नवंबर तक 10 हजार से अधिक का दवा का बिल हो चुका है।

शनिवार 6 नवंबर की दोपहर 12:47 बजे 5 हजार रुपए फोन पे द्वारा अभिनय तराले नामक व्यक्ति ने अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन भेजें है, बाकी बिल बकाया है।

मामले को दबाने का प्रयास , दोषियों पर हो कार्रवाई – लोकेश यादव

यह बेसिकली टारर्चड का केस है ,परीक्षित मेश्राम यह बीजेडब्ल्यू अस्पताल का शासकीय कर्मचारी है ऐसे में उसे केटीएस अस्पताल में बेहतर उपचार मुहैया किया जा सकता था ? लेकिन पुलिस और मीडिया की आंखों में धूल झोंकने तथा मामले पर लीपापोती का प्रयास करने के उद्देश्य से उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मरीज की पत्नी आम्रपाली कह रही है उपचार का खर्च हम एक रुपया भी वहन नहीं कर रहे ? ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार पीड़ित मरीज का बयान लेकर पुलिस संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करती ? जबकि ऑडियो से लेकर वीडियो तक वायरल हो रहा है।
एैसी तीखी प्रतिक्रिया नागपुर टुडे से चर्चा के दौरान नगरसेवक लोकेश कल्लू यादव ने व्यक्त की।

रवि आर्य

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