Published On : Thu, Jul 4th, 2024

गोंदिया: तीसरी रेलवे लाइन पर जल्द ही तेज गति से दौड़ेंगी ट्रेनें , 228 में से 180 किमी. का निर्माण कार्य पूरा

रेल लाइन के तिहरीकरण से ट्रेनों को मिलेगी गति , यात्री ट्रेनों की समयबद्धता बढ़ेगी , रोजगार का होगा सृजन
Advertisement

गोंदिया: राजनांदगांव- नागपुर रेलखंड पर तीसरी लाइन बिछाने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है ।228 किलोमीटर रेल लाइन के तिहरीकरण के काम में से 180 किलोमीटर का कार्य पूरा कर लिया गया है शेष निर्माण कार्य अभी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा , इसका सबसे बड़ा लाभ यात्रियों को होगा ट्रेनों की समयबध्दता बढ़ेगी इससे यात्री ट्रेनों के परिचालन की गति में इजाफा होगा , इससे सफर सुहाना होगा और समय की बचत होगी।

बता दें कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मण्डल में अधोसंरचना विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने की दिशा में हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अधोसंरचना विकास कार्यों के तहत दुर्ग-कलमना तीसरी रेल लाइन के निर्माण के उपरांत अधिक से अधिक रेल गाड़ियों का परिचालन संभव होगा तथा यात्री रेल सेवा में बढ़ोतरी के साथ-साथ रेल यात्रियों को सुगम और सुरक्षित रेल सेवा प्रदान की जा सकेगी, साथ ही रेल गाड़ियों की रफ्तार में वृद्धि होगी और समय की भी काफी बचत होगी।

Advertisement

3425 करोड़ के अनुमानित लागत की है यह परियोजना

मण्डल के अंतर्गत दुर्ग से कलमना खंड में 3425 करोड़ की अनुमानित लागत से तीसरी लाइन का निर्माण कार्य गति से जारी है।
राजनांदगाँव-नागपुर कुल 228 किमी में से अब तक कुल 180 किलोमीटर का कार्य पूरा कर लिया गया है। दरेकसा-सालेकसा (10.00 किमी) को छोड़कर तीसरी लाइन परियोजना के शेष सालेकसा-धनोली (7 कि.मी.), गुदमा-गंगाझरी (24 कि.मी.) और कामठी-कलमना ( 7 कि.मी.) कुल 38 किलोमीटर का कार्य के लिए वन एवं वन्य जीव विभाग ( वाइल्डलाइफ ) की मंजूरी मिल गई है और इस वित्तीय वर्ष 2024- 25 तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है जबकि दरेकसा-सालेकसा (10.00 किमी) तीसरी लाइन परियोजना को संभवत वर्ष 2025-26 तक पूरा कर लिया जायेगा।


इस दौरान संरक्षा तथा रेल परिचालन को कम से कम बाधित कर इन सभी कार्यों को तीव्र गति से पूरा किया जा रहा है। वहीँ कलमना-नेताजी सुभाषचंद्र बोस ( इतवारी ) 3 कि.मी. रेल लाइन का दोहरीकरण कार्य को भी इस वित्तीय वर्ष में पूरा कर लिया जायेगा, जबकि वर्तमान में दुर्ग-कलमना सेक्शन पूरी तरह ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम से लैस है। दुर्ग-राजनांदगाँव-कलमना तीसरे रेल लाइन परियोजनायें एवं अधोसरंचना विकास कार्यों से देश की प्रगति के साथ रेल गाड़ियों का परिचालन सुगम, सरल और सुरक्षित किया जा सकेगा। साथ-साथ क्षेत्रों का विकास, आर्थिक और औद्योगिक विकास, नए रोजगार के सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

रवि आर्य