रेल पटरी मार्ग से पैदल- पैदल घर जा रहे 24 मजदूर मिले
गोंदिया : जो जहां है , वही ठहरे सरकार की इन अपीलों का कुछ जगहों पर असर दिख रहा है लेकिन अब भी कई जगह लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे। सरकार की ओर से 21 दिनों की लाकडाउन की घोषणा के बाद कारखाने और उद्योग बंद हो जाने से मजदूरी पर निर्भर रहने वाले लाखों श्रमिकों के सामने रोजी- रोटी की चुनौती खड़ी हो गई है लिहाजा यह दिहाड़ी मजदूर अब पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।
तालाबंदी के दौरान ट्रेन , बस परिवहन की सेवाएं बंद होने से और रोजगार छिन जाने से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं और कोई यातायात का साधन नहीं मिलने पर ये दिहाड़ी मजदूर रेल पटरी रास्ते से ही पैदल मार्ग तय कर अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं।
सिर पर बोझा , गोद में दुधमुंहे बच्चे और …पलायन
सिर पर बोझा और गोद में दूध मुंहे बच्चों को लेकर रेल पटरी मार्ग से पैदल -पैदल जाते हुए कुल 24 छत्तीसगढ़िया लोगों पर गोंदिया रेलवे पुलिस जवानों की नजर 31 मार्च के दोपहर 3:30 बजे पड़ी , जिनमें 18 महिला- पुरुष और 6 छोटे बच्चे थे जिन्हें आरपीएफ और जीआरपी पुलिस जवानों ने रेलवे गुड्स शेड के निकट रोका और पूछताछ की तो मजदूरों ने बताया कि वे नागपुर के रामटेक मैं एक पीडब्ल्यूडी ठेकेदार के यहां सड़क निर्माण साइट पर देहाड़ी मजदूरी करते हैं ।
अब काम बंद होने से परिवार के उदर निर्वहन हेतु पैसे नहीं होने के कारण वे सभी अपना डेरा लेकर पैदल ही अपने गृह क्षेत्र छत्तीसगढ़ प्रदेश के रायपुर निकट स्थित बलौदा बाजार जा रहे हैं। कोई यातायात का साधन नहीं मिलने से वे बेबस है इसलिए पटरी- पटरी पैदल मार्ग तय कर वे अपने प्रांत जा रहे हैं।
इसी बीच अन्य राज्यों से लौट रहे मजदूरों को क्वॉरेंटाइन करने का आदेश दे दिए गए है रेलवे पुलिस ने भारत सरकार के आदेशों और निर्देशों का अनुपालन करते हुए पलायन कर रहे मजदूर परिवारों के संदर्भ में जिला प्रशासन व शहर पुलिस थाने से समन्यव स्थापित कर नगर परिषद गोंदिया के मुख्य अधिकारी चंदन पटिल से संपर्क साधा जिन्होंने रेलवे स्टेशन आकर महामारी के संकट के बारे में एवं दुष्प्रभाव के बारे में भी मजदूरों के परिवारों को बताया जिसके बाद लाकडाउन तक रुकने के लिए हामी भरने पर उन्हें ससुरक्षा के साथ डा. अंबेडकर स्कूल (कुंभारे नगर ) में नगर परिषद द्वारा संचालित राहत शिविर में ठहराया गया है जहां इनके रुकने व भोजन की व्यवस्था भी की गई है । अब इन लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा ।
विशेष उल्लेखनीय है कि मंडल सुरक्षा आयुक्त आशुतोष पांडे , सहायक सुरक्षा आयुक्त ए.के स्वामी के निर्देशन में आरपीएफ पोस्ट प्रभारी नंदकुमार बहादुर , सहायक उपनिरीक्षक विवेक मेश्राम , एस..बी थापा , प्र.आ. एस पोरते , पी दलाई , जी मडावी , आरक्षक नासिर पठान , एस बोरकर , जीआरपी थाना प्रभारी श्रीमती अनीता खेड़कर यह ड्यूटी पर रहकर सतत अपना कर्तव्य निभा रहे हैं , रामटेक से बलोदा बाजार रेल पटरी मार्ग से पैदल अपने गृह ग्राम जा रहे इन 24 मजदूरों के लिए भी रेलवे पुलिस ने मानवता का परिचय देते हुए रात के वक्त उचित भोजन का प्रबंध किया ।
रवि आर्य