Published On : Fri, Apr 9th, 2021

गाड़ियों में ओवरलोड लाद कर लेजाया जा रहा है सरकारी अनाज

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– सरकारी विभाग की अनदेखी, ठेकेदार हो रहा है मालामाल,गाड़ियों की क्षमता 9 टन, अनाज भरते हैं 16 टन से अधिक,आरटीओ कार्यालय की अनदेखी, सालो से चल रहा काम

 

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 नागपुर: गरीबों को वक्त पर पूरा सरकारी अनाज मिले इस लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा सरकारी अनाज गोदाम से अनाज की दूकान तक गाड़ियों में अनाज भरकर लेजाने का ठेका दीया जाता है। जिसके तहत नागपुर शहर और ग्रामीण में सरकारी गोदामों से अनाज विक्रेता की दुकान तक अनाज पहुंचकर देने का ठेका श्री गणेश कैरियर्स नागपुर को सितंबर 2017 में मिला था। जिसमे नियम के अनुसार गाड़ियों की आरटीओ द्वारा दी गई क्षमता की मंजूरी के अनुसार ही माल भरकर लेजाया जा सकता है। लेकीन नागपुर शहर और ग्रामीण में नियमो को ताक पर रखकर रोजाना हजारों टन अनाज गाड़ियों में क्षमता से डबल लाद कर लेजाया जा रहा है। लेकीन इस ओर ना ही अनाज वितरण विभाग के आधिकारी ध्यान दे रहे हैं और ना ही नागपुर शहर और ग्रामीण के आरटीओ द्वारा किसी तरह की कारवाई की जा रही है। जिसके चलते 9 टन क्षमता की माल वाहक गाडयों में 16 टन से अधिक अनाज भरकर लेजाया जा रहा है। जिसका लाभ अनाज विचरण करने वाले ठेकेदार, सरकारी अनाज विचरण प्रणाली के आधिकारी सहित अन्य सरकारी विभाग के अधिकारियों को मिल रहा है।
2017 में मिला था ठेका
नागपुर शहर और ग्रामीण में सरकारी गोदामों से अनाज विक्रेता की दुकान तक अनाज पहुंचकर देने का ठेका श्री गणेश कैरियर्स नागपुर को सितंबर 2017 में मिला है। जिसके तहत उसे माल वाहक गाडियों में गाडी की क्षमता के अनुसार माल भरकर पहुंचना था। विगत कई सालो से क्षमता से डबल टिबल अनाज गाडियो में भरकर लेजाया जा रहा है। जो की नियमो की अनदेखी है।
आधिकारी ही कर रहे हैं अनदेखी
अनाज वितारण का ठेका राजेन्द् दद्दा नमक व्यक्ती को मिला है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनाज विचरण विभाग के सभी अधिकारियों को हर महीने उनका हिस्सा मील जाता है। इसलिए वह अनदेखी कर रहे हैं। नियम के अनुसार गाडयों की क्षमता के अनुसार ही गाडयों में माल भरकर भेजना चाहिए। लेकिन अपना निजी स्वार्थ साधने के लिए चुप्पी साध रहे हैं।
50 गाडियों में जाता है 8 हज़र टन अनाज
नागपुर शहर में हर महीने 8 हजार टन अनाज सरकारी गोदामों से दुकानों तक पहुंचाया जाता है। जिसके लिए क़रीब 50 गाडियों का उपयोग होता है। मिली जानकारी अनुसार इसमें 10 आयसर, 25 गाड़ी 1109, 8 गाड़ी 407, 7 टाटा एस का समावेश है। आयसर 17 फिट डाले की गाड़ी का आरटीओ पासिंग 7 टन की है और 19 फिट डाले की पासिंग 9 टन की है। 1109 की पासिंग साडे सात टन की है। 407 की पासिंग 2 टन की है और टाटा एस की 750 किलो की है। लेकिन किसी भी गाड़ी में नियम के अनुसार अनाज भरकर नही लेजाया जा। क्षमता से डबल या उससे अधीक अनाज लाद कर लेजाया जा रहा है। आयसर में क़रीब 16 टन, 1109 में 15 टन, 407 में 5 टन और टाटा एस में 3 टन अजान भरकर लेजाया जा रहा है। जो की सरासर सरकारी नियमो का उलंघन है। फिर भी सरकारी विभाग के आधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।
8 टन पासिंग में 16 टन माल
नवंबर 2020 को पोलिस द्वारा अनाज माफिया प्रदिप आखरे की गाड़ी नागपुर शहर के अपराध शाखा ने पकड़ी थी। जिसमे 16 टन माल भरा हुआ था। इस गाड़ी की सरकारी टीपी में गाड़ी नंबर एम एच 40 ए के 2958 होकर यह टाटा की 1109 बताई गई है। जिसकी सरकारी क्षमता क़रीब 9 टन की है। लेकिन 16 टन की अनाज भरकर टीपी बनाकर अनाज गोदाम निकली थी। इस तरह रोजाना सभी गाडियो में क्षमता से अधिक अनाज भरकर भेजा जाता है।
टीपी में होता है पूरा विवरण
जब सरकारी गोदाम से माल बाहर निकालने के पहले ही टीपी बनाईं जाती है। टीपी में गाड़ी का नंबर होता है। अधिकारियों को पता होता है कि इस गाड़ी की क्षमता कितनी है। फिर भी ठेकेदार से मिलने वाली सुख सुविधा और राशि के चलते क्षमता से डबल माल की टीपी बनाईं जाती है। सालो से यह काम चल रहा है। जिसका सबूत खुद सरकारी विभाग द्वारा बनाई जा रही टीपी में मौजुद है। इसका पूरा लाभ ठेकेदार को मील रहा है। कम गाडियो में ही अधीक माल भारकर लेजाने से ठेकेदार को अधीक मुनाफा होता है। ठेकेदार को सरकार की तरफ़ से प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकारी गोदामों से दुकान तक अनाज पहुंचाने की राशि मिलती है।
आरटीओ नही दे रहा ध्यान
सरकारी अनाज की गाडियां होने की वज़ह से नागपुर शहर और ग्रामीण आरटीओ इस अनाज की ओवर लोड गाड़ियो पर कारवाई नही करते हैं। कभी कबार कहीं कारवाई हुई होंगी। जिसकी वहज से बेधड़क अनाज वितरण करने वाले ठेकेदार के हौसले बुलंद हैं। रोजाना 50 गाड़िया ओवर लोड अनाज से भरकर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही है। जो की निजी वाहन है। सरेआम सरेआम सरकारी नियमो की धज्जियां उड़ाई जा रही है। लेकिन आरटीओ के अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं।
मैं ध्यान देता हूं- भास्कर तायडे, जिला आपूर्ती अधिकारी, नागपुर ग्रामीण
अगर गाड़िया ओवर लोड भरकर जा रही है तो उसपर कारवाई करने का काम आरटीओ का है, हमारा नही। हमारे यहां से अगर गाड़ियों की आरटीओ पासिंग से ज्यादा अनाज की टीपी बनाईं जा रही है तो इस ओर ध्यान दिया जाएगा।
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