नागपुर. राज्यभर में ओबीसी की स्वतंत्र जनगणना का मुद्दा अब राजनीतिक रंग ले चुका है. सभी पार्टियां जनगणना और आरक्षण के मुद्दे को एक-दूसरे के पाले में डालती नजर आ रही हैं. पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन तो कर दिया लेकिन अब आरक्षण का एम्पेरिकल डाटा तैयार करने के लिए स्टाफ और 435 करोड़ रुपयों की मांग आयोग द्वारा की गई है. आयोग की मांग को सरकार तत्काल पूरा करे.
उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा है. बावनकुले ने कहा कि 3 मार्च को ओबीसी आयोग का गठन रिटायर्ड न्यायाधीश आनंद निरगुडे की अध्यक्षता में किया गया. 15 जून को आयोग को 9 सदस्य दिये गए. 29 जून को ओबीसी आयोग को स्थानीय निकाय संस्थाओं में आरक्षण के संदर्भ में निर्धारित कार्य करने के लिए समर्पित आयोग घोषित किया गया. उसके बाद 26 जुलाई को सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय अधिकारी समिति भी तैयार की.
अब आयोग ने सरकार से एम्पेरिकल डाटा तैयार करने के लिए लगने वाले स्टाफ और 435 करोड़ रुपयों की मांग की है. सरकार 7 दिनों में आयोग को स्टाफ और निधि उपलब्ध कराये और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एम्पेरिकल डाटा दिसंबर महीने के पहले तैयार कर जनवरी 2022 तक मंजूर कराये.