विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स ने वर्ष 1990 में लाखांे कश्मीरी पंडितो के परिवारों का एक साथ कश्मीर से पलायन पर बनी फिल्म “काश्मीर फाइल“ को महाराष्ट्र राज्य में टैक्स फ्री करने हेतु सरकार को प्रतिवेदन दिया।
प्रतिवेदन द्वारा चेंबर ने कहा कि काश्मीर भारत का अभिन्न अंग है किंतु इस राज्य में रहने वाले हमारे कश्मीर पंडित परिवारों को वर्ष 1990 से पहले तरह-तरह अनेक यातनाएं सहन करनी पड़ी और अनेक तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वे यातनाओं से भयभीत होकर इतने मजबुर हो गये थे कि लाखों कश्मीरी पंडित परिवारों को एक साथ अपना घर, अपनी जन्मभूमि व कर्मभूमि को छोड़ना पड़ा था। जो कि भारत देश के लिये बहुत दुखदायक घटना थी। इसकी जानकारी देश में अधिकांश नागरिकों को अभी तक नहीं है। इन कश्मीरी पंडितों के परिवार अब तक उन दर्दनाक यादों से उबर नहीं पाये और न ही अपने घर लौट पाये।
इस फिल्म में निर्माता ने इन कश्मीरी पंडितों के दर्दनाक इतिहास को बहुत ही अच्छी तरह से कहानी में पिरोकर फिल्म बनायी है। महाराष्ट्र में भी इन कश्मीरी पंडितों के इस दर्दनाक इतिहास को जानना चाहिये कि इन्होंने कैसे-कैसे दर्द और यातनांए सही जिसके कारण उन्हे इतनी बड़ी तादाद में एक साथ अपना घर छोडकर पलायन करने के लिये मजबुर होना पड़ा और शरणार्थीओं की तरह जीवनयापन करना पड़ा। अतः सरकार ने महाराष्ट्र राज्य में इस फिल्म को टैक्स फ्री करना चाहिये। ताकि हर नागरिक इस फिल्म को देख सके और अपने कश्मीरी भाईयों के जीवन दर्द और वास्तविकता को समझ कर सहानुभूति ¬प्रकट कर सके।
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा चेंबर के सचिव श्री रामअवतार तोतला ने दी।